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6 महीने चल सकती है विक्रमसिंघे की सरकार, 4 बार पीएम रह चुके हैं रानिल विक्रमसिंघे

Tulsi Rao
12 May 2022 3:58 PM GMT
6 महीने चल सकती है विक्रमसिंघे की सरकार, 4 बार पीएम रह चुके हैं रानिल विक्रमसिंघे
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Sri Lanka Economic Crisis Latest Updates: अपने इतिहास के गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka) में रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. वे यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता हैं. वे पिछली बार संसद का चुनाव हार गए थे. मजे की बात ये है कि श्रीलंका की संसद में उनकी पार्टी की केवल एक सीट है. इसके बावजूद राजपक्षे परिवार से नजदीकी के चलते वे देश के प्रधानमंत्री बनने में कामयाब हो गए हैं.

6 महीने चल सकती है विक्रमसिंघे की सरकार
सूत्रों के मुताबिक रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) की नियुक्ति को श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना, जन बालावेगाया के एक धड़े समेत कई अन्य दलों ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. UNP के अध्यक्ष वी अबेयवारदेना ने विश्वास जताया कि रानिल विक्रमसिंघे 225 सदस्यीय संसद में बहुमत हासिल कर लेंगे. रानिल विक्रमसिंघे फिलहाल अंतरिम सरकार के पीएम बनाए गए हैं. उनकी सरकार 6 महीने चल सकती है. इस दौरान उन्हें देश को आर्थिक संकट से निकालने के इंतजाम करने होंगे.
4 बार पीएम रह चुके हैं रानिल विक्रमसिंघे
बताते चलें कि UNP श्रीलंका (Sri Lanka) की सबसे पुरानी पार्टी है. इसके बावजूद वर्ष 2020 में हुए आम चुनाव में यह पार्टी केवल एक सीट जीत सकी थी. यहां तक कि पीएम पद के दावेदार रानिल विक्रमसिंघे खुद कोलंबो से चुनाव हार गए थे. रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) 4 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. तत्कालीन राष्ट्रपति रहे मैत्रीपाला सिरीसेना ने अक्टूबर 2018 में उन्हें पद से हटा दिया था. हालांकि 2 महीने बाद उन्हें फिर से रानिल को पद पर बहाल करना पड़ा.
गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग शुरू
इसी बीच श्रीलंका (Sri Lanka) के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे Gotabaya Rajapakse के इस्तीफे की भी मांग शुरू कर दी है. संसद में 17 मई को गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी. 'द डेली मिरर' समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार, कई विपक्षी दलों ने गुरुवार को हुई बैठक में इस बारे में फैसला लिया. संसद में विशेष मंजूरी मिलने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की जाएगी.


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