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उन्होंने श्रीलंका के लोगों को अपना आश्वासन दिया है कि वह द्वीप देश को पेट्रोल, डीजल और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के रक्षा मंत्री और यूएनपी के उप नेता रुवान विजेवर्धने को गाले फेस क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। इस क्षेत्र का नाम प्रदर्शनकारियों द्वारा बदला गया है। श्रीलंका के पीएम ने कहा कि उन्होंने गोटा गो गामा की सुरक्षा के लिए एक कमेटी बनाई है। इइसके तहत कोलंबो नगर परिषद की सहायता प्राप्त करने के लिए कोलंबो के मेयर की एक समिति नियुक्त की गई है। गाले फेस विरोध स्थल के मालिक, जो शहरी विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधि हैं, को स्वास्थ्य मंत्रालय के एक प्रतिनिधि के साथ-साथ इसकी गतिविधियों के लिए आवश्यक एक प्रतिनिधि और सेना और पुलिस के एक अन्य प्रतिनिधि को इस पर शांति बनाए रखने का जिम्मा सौंपा गया है।
प्रधान मंत्री के अनुसार, वहां रहने वाले समूह को गोटा गो गामा क्षेत्र को नियंत्रित करने का अधिकार है, न कि श्रीलंकाई सरकार का। विक्रमसिंघे ने यहां तक कहा है कि सरकार केवल वहां के लोगों का समर्थन करने के लिए है। देश के नव-निर्वाचित श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि गोटा गो गामा विरोध जारी रहना चाहिए ताकि देश में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव लाया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को श्रीलंका में राजनीतिक संकट को खत्म करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
इससे पहले, गोटा गो गामा में प्रदर्शनकारी अपनी दो विशिष्ट मांगों पर अड़े थे। इसमें पहली थी कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना चाहिए और राजपक्षे के परिवार के सभी सदस्यों को सरकार छोड़ देनी चाहिए। गौरतलब है कि श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली और गैस कटौती से बड़ी संख्या में नागरिकों का जीवन प्रभावित हो रहा है। देश की खराब आर्थिक स्थिति के लिए जनता प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है। प्रदर्शनकारी बीते काफी समय से सड़कों पर विरोध कर रहे हैं। इसके चलते कई जगहों पर भारी हिंसा और आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं। हालांकि राष्ट्रपति गोटाबाया ने साफ कर दिया है कि वो इस्तीफा नहीं देंगे।
बता दें कि रानिल विक्रमसिंघे को छठे कार्यकाल के लिए श्रीलंका का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने श्रीलंका के लोगों को अपना आश्वासन दिया है कि वह द्वीप देश को पेट्रोल, डीजल और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
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