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जिससे देश अपने पड़ोसियों से मदद लेने के लिए मजबूर है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। विक्रमसिंघे ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भारत के राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने पर श्रीलंका की सरकार और लोगों की तरफ से हार्दिक बधाई। राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि वह इस दिशा में उनके साथ मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहे हैं।
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने दी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने आगे कहा कि इस मुख्य जिम्मेदारी के तौर पर आपकी नियुक्ति सबसे बड़े लोकतंत्र में सरकार में भरोसे और आत्मविश्वास की सबसे बड़ी गवाही है। देश के लोगों ने भी आपकी क्षमता और राजनीतिक नेतृत्व पर भरोसा जताया है। राष्ट्रपति ने भारत-श्रीलंका के मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए आगे कहा कि आपका नेतृत्व हमारे सौहार्दपूर्ण संबंधों को पोषित करने और मजबूत करने के हमारे संयुक्त प्रयासों को नई गति प्रदान करता है और मैं इस दिशा में आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं। मुझे खुशी है कि दोनों देशों के बीच दोस्ती के समय-परीक्षण के बंधन लगातार बढ़ रहे हैं।
भारत ने की श्रीलंका की मदद
भारत अपनी 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत कर्ज में डूबे द्वीप श्रीलंका की मदद के लिए हमेशा आगे आया है। हाल ही में, भारत ने पिछले 10 वर्षों में श्रीलंका को 8 लाइन ऑफ क्रेडिट (LOCs) प्रदान किए हैं, जिसकी राशि 1,850.64 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि भारत सरकार ने पिछले 10 वर्षों में रेलवे, बुनियादी ढांचे, रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, पेट्रोलियम और उर्वरक सहित क्षेत्रों में श्रीलंका को 8 लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) प्रदान किए हैं।
आर्थिक संकट से जूझ रहा है श्रीलंका
बता दें कि भारत श्रीलंका का एक मजबूत और पारस्परिक रूप से लाभप्रद भागीदार बनता जा रहा है। महामारी और आर्थिक संकट के दौरान भारत ने लगातार श्रीलंका को आर्थिक सहायता मुहैया कराई है। वर्तमान में, श्रीलंका भोजन और बिजली की कमी से जूझ रहा है, जिससे देश अपने पड़ोसियों से मदद लेने के लिए मजबूर है।
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