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भारत की अग्नि-5 मिसाइल से आखिर क्‍यों चिंतित हुआ चीन, ड्रैगन की चिंता की क्‍या है बड़ी वजह?

Neha Dani
29 Oct 2021 11:27 AM GMT
भारत की अग्नि-5 मिसाइल से आखिर क्‍यों चिंतित हुआ चीन, ड्रैगन की चिंता की क्‍या है बड़ी वजह?
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जो बहुत आसानी से एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाया जा सकता है।

नई दिल्‍ली और बीजिंग के बढ़ते तनाव के बीच भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण करके अपनी क्षमता से सबको चौंका दिया है। भारत की अग्नि-5 मिसाइल से आखिर क्‍यों चिंतित हुआ चीन। ड्रैगन की चिंता की क्‍या है बड़ी वजह ? इस मिसाइल से भारत की सैन्‍य क्षमता पर क्‍या होगा असर ? आखिर इस मिसाइल को भारत का अग्निबाण क्‍यों कहा जा रहा है ? क्‍या है इसकी मारक क्षमता ? इसके साथ यह भी जानेंगे कि चीन की सेना में किस प्रकार के हथियार हैं। चीन की बड़ी योजना क्‍या है। चीन और भारत की मिसाइल क्षमताओं का एक तुलनात्‍मक विश्‍लेषण।

चीन की चिंता की बड़ी वजह
1- दरअसल, भारतीय इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) अग्नि-5 अपनी मारक क्षमता के कारण चीन के लिए चिंता का सबब है। अभी तक भारतीय मिसाइलों की जद से चीन के प्रमुख शहर शामिल नहीं थे। अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अब इसकी पहुंच चीन के प्रमुख शहरों तक है। इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है। खासकर चीन के प्रमुख औद्योगिक शहरों को यह जलाकर राख कर सकती है। यह मिसाइल परमाणु बम गिराने में सक्षम है। इसका निशाना अचूक है। यह अपने लक्ष्‍य को भेदने में बेहद कारगर है। उधर, चीन का कहना है कि अग्नि-5 की मारक क्षमता आठ हजार किलोमीटर तक है। चीन का कहना है कि इस मिसाइल की जद में पूरे एशिया और यूरोप के 70 फीसद हिस्‍से है।
2- यह 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अपने लक्ष्‍य को भेदने में सक्षम है। अग्नि-5 मिसाइल 1500 किलोग्राम तक के परमाणु हथियार अपने साथ ले जा सकती है। दुश्मन के किसी भी शहर को यह देखते ही देखते नेस्तनाबूद कर सकती है। इसका वजन करीब 50 हजार किग्रा है। मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है। इसका व्यास 2 मीटर है। यह अपने साथ 1.5 टन वारहेड ले जाने में समर्थ है। यह मिसाइल भारत की सतह से सतह पर मार करने वाली सबसे घातक मिसाइल है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत ने इसका सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ अग्नि के अलग-अलग वैरियंट को महाविनाशक बनाने की तैयारी में जुटा है।
3- डीआरडीओ 'मल्‍टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्‍हीकल (एमआइआरवी) भी तैयार कर रहा है। एमआइआरवी पेलोड में एक मिसाइल में चार से छह वारहेड ले जा सकेगी। इन्‍हें अलग-अलग टारगेट को हिट करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। अपनी इस क्षमता के बाद भारत उन चुन‍िंदा देशों की कतार में पहुंच जाएगा, जिनके पास इस तरह की क्षमता है। इसकी खास बात यह है कि अग्नि-5 का कैनिस्‍टर वर्जन परीक्षण किया गया है जो बहुत आसानी से एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाया जा सकता है।


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