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श्रीलंका के गगनचुंबी 'लोटस टावर' की क्यों है चर्चा, चीन से है कनेक्शन

Subhi
14 Sep 2022 12:43 AM GMT
श्रीलंका के गगनचुंबी लोटस टावर की क्यों है चर्चा, चीन से है कनेक्शन
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श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बनाया गया 350 मीटर ऊंचा लोटस टावर इस सप्ताह लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने इस टावर को बनाने में 11.3 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं। इस टावर को लेकर श्रीलंका सरकार की आलोचना ना केवल देश में हो रही है बल्कि दुनियाभर में लोग इसे कोस रहे हैं।

श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बनाया गया 350 मीटर ऊंचा लोटस टावर इस सप्ताह लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने इस टावर को बनाने में 11.3 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं। इस टावर को लेकर श्रीलंका सरकार की आलोचना ना केवल देश में हो रही है बल्कि दुनियाभर में लोग इसे कोस रहे हैं। यह टावर श्रीलंका की राजपक्षे सरकार की करीबी की कहानी भी कहता है।

चीन से कर्ज लेकर बनवाया आलीशान टावर

श्रीलंका के आर्थिक संकट के पीछे सबसे बड़ी वजह चीन के कर्ज को माना जाता है। यह लोटस टावर भी चीन से कर्ज लेकर ही बनाया गया। गोटाबाया राजपक्षे के कार्यकाल मेंत वाइट एलिफैंट प्रोजेक्ट के लिए चीन से खूब कर्ज लिया गया। जुलाई के महीने में गोटाबाय राजपक्षे को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ गया।

लोटस टावर को लेकर क्यों विवाद

श्रीलंका की महिंदा राजपक्षे स रकार ने 2012 में इस टावर का निर्माण शुरू किया था। इसके लिए चीन से भारी कर्ज लिया गया। हालांकि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। इससे हुए नुकसान की भरपायी के लिए ही अब सरकार ने इसे आम जनता के लिए खोलने का फैसला किया है ताकि इसके मेंटिनेंस का खर्च निकाला जा सके। इसमें जाने के लिए लोगों को टिकट लेना होगा। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि इस टावर को बंद नहीं रखा जा सकता क्योंकि इससे काफी नुकसान हो रहा है। इसलिए कम से कम मेंटिनेंटस का खर्च निकालना जरूरी है।

बता दें कि पूरे कोलंबो से इस टावर को देखा जा सकता है। स्थानीय मीडिया भी इस टावर की आलोचना कर रहा है। उसका कहना है कि यह टावर श्रीलंका में ट्रांसमिशन भी नहीं सुधार सकता। श्रीलंका की मीडिया का दावा है कि राजपक्षे बीजिंग के 405 मीटर ऊंचे सेंट्रल रेडिया ऐंड टीवी टावर की नकल करना चाहते थे लेकिन कामयाब नहीं हो पाए।

टावर का चाइना कनेक्शन

श्रीलंका का मौजूदा संकट चीन की देन है। श्रीलंका का कुल कर्ज 51 अरब डॉलर है जिसमें से 10 फीसदी चीन का है। चीन ने कई प्रोजेक्ट शुरू किए और श्रीलंका को भारी भरकम कर्ज दिया। वे प्रोजेक्ट भी नहीं पूरे हो सके और श्रीलंका का दिवाला निकल गया। श्रीलंका कर्ज तले अब भी दबा हुआ है और चीन की बात मानने को कई बार मजबूर होता है।

क्यों खास है यह टावर

इस टावर के ग्राउंड फ्लोर पर होटल, रेस्तरां और पब हैं। प्लान था कि यहां बैंकों भी होंगे लेकिन यह प्लान कामयाब नहीं हो पाया। इसमें एक डिजिटल सिनेमा,एक कॉन्फ्रेंस हॉल और एक आउटडोर ऑब्जर्वेशन डेक है। इसमें एक घूमता हुआ रेस्तरां है जो कि 90 मिनट में एक चक्कर पूरा करता है। यहां का कोई भी आम आदमी इसमें जाने के लिए 500 श्रीलंकाई मुद्रा का टिकट खरीद सकता है। वहीं विदेशियों के लिए टिकट की कीमत 20 डॉलर होगी।


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