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क्यों अपने देश की जनता को चाय पीने से रोक रहा पाकिस्तान, जाने वजह
Kajal Dubey
15 Jun 2022 4:41 PM GMT
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इस्लामाबाद. खराब आर्थिक हालातों से गुजर रहे पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच, पाकिस्तान ने अब अपने नागरिकों से चाय का इस्तेमाल कम से कम करने की गुजारिश की है. पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने वहां की अवाम से कहा है कि वो चाय कम से कम पिएं. बता दें कि पाकिस्तान में दाल, चीनी, सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिसके चलते आम जनता की हालत खस्ता होती जा रही है.
पाकिस्तान के मंत्री अहसान इकबाल के मुताबिक, हमें चाय बाहर से आयात करनी पड़ती है. अगर पाकिस्तान की जनता चाय की खपत कम करेगी तो इससे सरकार का आयात खर्च घटाने में मदद मिलेगी. अभी हम कर्ज लेकर बाहर से चाय का आयात करते हैं. चाय की खपत घटने से हमारा आयात खर्च कम होगा, जिससे आर्थिक ढांचे पर दबाव घटेगा.
व्यापारियों और आम जनता से मंत्री ने की अपील
पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल ने वहां के व्यापारियों और देश की अवाम से गुजारिश की है कि वो आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान को उबारने में मदद करें. उन्होंने कहा कि देश में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के साथ ही बिजली सकंट भी पैदा हो रहा है. ऐसे में सभी व्यापारी अपनी दुकानें रात साढ़े 8 बजे तक बंद कर दें.
41 चीजों के आयात पर लगाया 2 महीने का बैन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार ने हाल ही में अपना आयात खर्च घटाने के लिए 41 चीजों के आयात पर 2 महीने के लिए रोक लगा दी थी. हालांकि इस आयात प्रतिबंध से खजाने में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई. इससे पाकिस्तान को अपना आयात बिल घटाने में करीब 60 करोड़ डॉलर का फायदा हुआ है.
क्यों अपने देश की जनता को चाय पीने से रोक रहा पाकिस्तान?
मीडिया से बात करते हुए इकबाल ने पाकिस्तान की पिछली सरकार पर अर्थव्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह किया और ये कहते हुए अपना अपराध स्वीकार लिया कि हमारी सरकार सत्ता में आकर फंस गई है.
उन्होंने कहा कि वे कृषि क्षेत्र पर विशेष जोर दे रहे हैं और किसानों को गेहूं, चीनी और कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कहा जा रहा है ताकि देश को इसके निर्यात से विदेशी मुद्रा प्राप्त हो सके.
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