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एयरलाइंस को क्यों लगता है 5G से डर? एक्सपर्ट ने दी जानकारी
jantaserishta.com
27 Jan 2022 5:06 AM GMT
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कैंब्रिज: एयरपोर्ट के आसपास 5G इंटरनेट सेवा से होने वाले नुकसान को लेकर अमेरिका में बहस जारी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि 5G की वेव्स फ्लाइट के नेवीगेशन सिस्टम पर प्रभाव डाल सकती हैं. इस डर से ही पिछले कुछ दिनों में कई इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अमेरिका के कई एयरपोर्ट के लिए अपनी फ्लाइट कैंसिल कर दी. विमान कंपनियों की शिकायत के बाद अमेरिकी टेलीकम्युनिकेशन कंपनी AT&T और Verizon ने 5G सर्विस पर काम कुछ दिनों के लिए रोक दिया है.
सवाल यह है कि 5G फ्लाइट्स पर कैसे असर डालता है. और क्या इस परेशानी का कोई हल है. इस मसले पर कैंब्रिज की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी के टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग रिसर्च ग्रुप के डायरेक्टर सूफियन युसेफ ने कई अहम जानकारियां दीं.
सबसे पहले 5G सर्विस को समझिए
इस समय दुनियाभर में इंटरनेट की 5G सर्विस पर फोकस किया जा रहा है. 5G इंटरनेट और मोबाइल फोन तकनीक की पांचवीं पीढ़ी है. अभी भारत में 4जी इस्तेमाल किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 5G, 4जी की तुलना में 100 गुना तेज नेटवर्क स्पीड मुहैया करता है.
एयरपोर्ट पर किस सर्विस को यूज किया जाना है?
5G इंटरनेट की स्पीड और उसका कवरेज का क्षेत्र बढ़ाने के लिए अमेरिकी कंपनियों ने C-band फ्रीक्वेंसी को यूज करने की योजना बनाई है. इसके तहत 3.7 और 3.98 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी का यूज किया जाना है.
पायलट को क्या परेशानी?
ये फ्रीक्वेंसी आधुनिक विमानों में ऊंचाई मापने के लिए उपयोग की जाने वाली फ्रीक्वेंसी के नजदीक होती हैं. फ्लाइट्स में रेडियो अल्टीमीटर के जरिए ऊंचाई मापी जाती है. यह C-band 4.2-4.4 गीगाहर्ट्ज पर संचालित होता है. पायलट विमान की सुरक्षित लैंडिंग के लिए रेडियो अल्टीमीटर का उपयोग करते हैं. इसका सबसे ज्यादा उपयोग धुंध के समय किया जाता है, जब रनवे को देख पाना मुश्किल होता है. ऊंचे पहाड़ों से घिरे एयरपोर्ट्स पर पायलट हमेशा इसका उपयोग करते हैं.
फ्लाइट के रेडियो सिग्नल में आ सकती है खराबी
विमान कंपनियों की चिंता का कारण 5G और रेडियो अल्टीमीटर की फ्रीक्वेंसी के बीच बेहद कम अंतर होना है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि 5G टावरों से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी रेडिया अल्टीमीटर से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी को प्रभावित कर सकती है. एयरपोर्ट पर 5G सर्विस का इस्तेमाल करने वाले अनजाने में रेडियो अल्टीमीटर का सिग्नल खराब कर सकते हैं. लैंडिंग के दौरान कुछ सेकंड के लिए भी ऐसा होता है पायलट भ्रमित हो सकता है. उसे गलत जानकारी मिल सकती है.
ज्यादा फ्रीक्वेंसी का उपयोग कर सकता है अमेरिका
5G सेवा का इस्तेमाल कर रहे कुछ देशों में C-band फ्रीक्वेंसी का उपयोग बिना किसी परेशानी के किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर यूके में 5G की फ्रीक्वेंसी 4GHz तक है. लेकिन हवाई अड्डों के आसपास कम पहाड़ होने से जोखिम कम हो जाता है. हालांकि, कुछ दूसरे यूरोपीय देशों में 5G के लिए 3.8GHz तक ही फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल किया जाता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसका एक अच्छा विकल्प 5G के लिए 24GHz से लेकर 47GHz तक की फ्रीक्वेंसी का उपयोग करना होगा.
ऐसा करने से इंटरनेट तेज गति से काम तो करेगा, लेकिन कवरेज कम होने के कारण टावर ज्यादा लगाने पड़ेंगे. इसके अलावा फ्रांस और कनाडा में फ्लाइट्स को परेशानी से बचाने के लिए टावरों के सिग्नल बेहद कम कर दिए जाते हैं.
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