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सिंध के CM ने क्यों कही ये बात? राजनीति छोड़ क्रिकेट में लौट जाएं इमरान खान
Renuka Sahu
2 Nov 2021 2:38 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने फैसलों और बयानों को लेकर विपक्षियों के निशाने पर आ गए हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अपने फैसलों और बयानों को लेकर विपक्षियों के निशाने पर आ गए हैं. सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह (Murad Ali Shah) ने इमरान खान की ओर से प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन को संभालने के तरीके पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा- 'इमरान खान को देश का प्रधानमंत्री बनने के बजाय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष बनना चाहिए. वो इसके लिए ज्यादा योग्य हैं.'
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने क्रिकेटर से नेता बने खान को यह कहते हुए सुना है कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम यूएई में चल रहे टी20 विश्व कप में उनकी वजह से शानदार प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने कहा, 'मैंने पूर्व में भी कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए यही बेहतर है कि वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में काम करें.'
सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह (Murad Ali Shah) ने सोमवार को इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए ये बातें कही. शाह ने कहा कि टीएलपी विरोध के मुद्दे को संभालने में पाकिस्तान सरकार(Pakistan Government) की अक्षमता के कारण कीमती जानें चली गईं. एक पखवाड़े पहले हुई झड़पों के बाद से 11 टीएलपी कार्यकर्ताओं और 8 पुलिसकर्मियों सहित 19 लोगों की मौत हुई है. 300 से अधिक घायल हो गए. इमरान खान (Imran Khan) सरकार वह काम करती है, जिसे वह न उगल सकती है न निगल सकती है.
'पीटीआई अपने काम न उगल सकती है न निगल'
विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य शाह ने कहा, 'पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) सरकार वह काम करती है, जिसे वह न उगल सकती है न निगल सकती है.' उन्होंने सभी पक्षकारों से कहा कि वह बैठकर विचार करें कि देश हित में क्या है.
हर नागरिक पर 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज
इमरान खान सरकार लगातार लोन चुकाने के लिए लोन लेती जा रही है. पाकिस्तान की संसद में इमरान खान सरकार ने कबूल किया था कि अब हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है. इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है.
कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है. यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था.
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