विश्व
अमेरिका के लिए अचानक पाकिस्तान क्यों बना सबसे खतरनाक देश? इमरान खान और बाजवा की सेना में आर-पार की जंग
Rounak Dey
29 Oct 2022 7:14 AM GMT
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क्योंकि अगर पुलिस बल का इस्तेमाल कर उन्हें हटाया गया तो PTI को समर्थन ही बढ़ेगा।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल तेज है। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना आमने-सामने है। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में हत्या कर दी गई। केन्या पुलिस के बयान साफ नहीं है। अरशद की हत्या का आरोप पाकिस्तान में सेना पर लग रहा है। इमरान खान ने इन आरोपों को हवा दी है। अरशद की हत्या के पीछे सुरक्षा एजेंसियों के एजेंट्स का हाथ बताया जा रहा है। अरशद उन पत्रकारों में से थे जो शहबाज शरीफ सरकार पर निशाना साधते थे।
इमरान खान ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'अरशद शरीफ को पता था कि उसकी जान खतरे में है। मैंने भी इसे बताया कि इसकी जान खतरे में है। उसके बावजूद ये एक बार भी पीछे नहीं हटा, डरा नहीं और आखिर में इसकी टारगेट किलिंग कर दी गई। कोई चाहे कुछ भी कहे, मुझे पता है इसकी टारगेट किलिंग की गई है।' इमरान की पार्टी PTI के नेता फैसल वावदा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चौंकाने वाला दावा किया कि अरशद की हत्या की साजिश पाकिस्तान में रची गई। उनका ये बयान इमरान से बिल्कुल अलग था, जिसके बाद उन्हें PTI ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और एक व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर कर दिया।
पाकिस्तान की राजनीति में सबसे बड़ा भूचाल
अरशद शरीफ की हत्या ने पाकिस्तान की राजनीति में वह कर दिखाया जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के मौजूदा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इमरान के दबाव में पहली बार किसी ISI चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। नदीम अंजुम ने कहा कि वह सेना और एजेंसी के खिलाफ आरोपों का जवाब देने के लिए आए हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये भी माना जा रहा है कि सेना और इमरान खान के बीच पर्दे के पीछे फिलहाल कोई बातचीत नहीं होने वाली है। ISI चीफ ने इस बात का भी खुलासा किया कि इमरान ने जनरल बाजवा को आजीवन जनरल बने रहने की पेशकश की थी।
इस्लामाबाद के लिए इमरान का मार्च
इमरान खान देश में नए सिरे से चुनाव की मांग करते हुए एक बार भी इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे हैं। पहले के आजादी मार्च से ये एकदम अलग है। क्योंकि इस बार इमरान सीधे तौर पर टॉप जनरल्स का नाम लेते हुए चल रहे हैं। पिछली बार इस्लामाबाद में जब इमरान ने मार्च किया था तो बड़े पैमाने पर बवाल मचा था। जिसे देखते हुए अब सरकार पहले से ही तैयार है। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला के आदेश पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए डंडे और आंसू गैस के गोले का स्टॉक तैयार है। भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।
क्या इमरान को होगा फायदा?
इमरान खान ने इसे असली आजादी नाम दिया। इमरान का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके साथ इस्लामाबाद चलें। इमरान का कहना है कि पिछले आजादी मार्च से उन्होंने सबक सीखा है और इस बार उन गलतियों को नहीं करेंगे जो पहले हुई हैं। सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कितने लोग इस्लामाबाद पहुंचते हैं और वे वहां पहुंच कर क्या करते हैं? शांति बनाए रखना PTI के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और यही फायदेमंद होगा। क्योंकि अगर पुलिस बल का इस्तेमाल कर उन्हें हटाया गया तो PTI को समर्थन ही बढ़ेगा।
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Rounak Dey
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