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सबसे खतरनाक क्यों हैं ब्लैक होल?
ब्लैक होल (Black Hole) और आम लोगों दोनों के लिए कौतूहल का विषय रहे हैं. आम लोगों के लिए यह पदार्थ से लेकर प्रकाश तक निगलने वाले दानव (Material eating Devil) की तरह है. वहीं वैज्ञानिकों के लिए यह ऐसा पिंड है जिसके बारे में जानना बहुत मुश्किल हैऔर सारी जानकारी इसका आसपास के क्षेत्र और अन्य अप्रत्यक्ष तरीकों से ही हासिल की जा सकती है. ब्रह्माण्ड (Universe) और अंतरिक्ष (Space) के बारे में अनसुलझे सवालों के जवाब भी ब्लैकहोल सुलझा सकते हैं. पिछले साल जिन कार्यों के लिए भौतिकी में नोबोल पुरस्कार दिया गया था वे ब्लैक होल से ही संबंधित थे.
ब्लैकहोल (Black Hole) के बारे में जितनी जानकारी अब तक मिल सकी है, उससे उसे एक खतरनाक पिंड माना जाता है. इसकी तीन वजहे हैं. पहली, ब्लैक होल में गिरने पर सब कुछ, यहां तक कि इंसान भी नष्ट हो जाएगा. इसके अलावा सभी गैलेक्सी (Galaxies) के केंद्र में बहुत ही विशाल ब्लैक होल हैं जिनकी भूख बहुत ही ज्यादा है. एक और वजह यह है कि ब्लैक होल में भौतिकी के नियम (Laws of Physics) नहीं लगते हैं और अभी तक यह पता नहीं चला है कि उसके अंदर किस तरह के नियम लगते हैं.
गैलेक्सी (Galaxies) के बीचोंबीच में पाए जाने वाले सुपरमासिव ब्लैक होल ज्यादातर समय निष्क्रिय होते हैं, लकिन जब वे सक्रिय होते हैं तब वे तारे और गैस को निगलते दिखाई देते हैं और ब्लैक होल के पास का इलाका अपनी चमक से गैलेक्सी तक को फीका कर देता है. अभी तक पिछले कई दशकों में ब्लैक होल (Black Hole) के बारे में काफी कुछ पता भी चला है, लेकिन इसके बहुत से रहस्य अभी तक खुले नहीं हैं. वे विशाल तारों (Stars) के मरने के बाद पैदा होते हैं जिसके नाभकीय ईंधन खत्म होने से तारे का क्रोड़ इतने सघन पदार्थ में संकुचित हो जाता है कि प्रोटोन न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन अलग अलग कण नहीं रह जाते हैं.
ब्लैक होल (Black Hole) तब पहचान में आते हैं जब वे किसी सामान्य तारे का चक्कर लगाते हैं. उसके साथी तारे से ही खगोलविद ब्लैक की विशेषताएं जान पाते हैं. पहला ब्लैक होल जिसकी पुष्टि हुई थी वह सिग्नस एक्स-1 (CygnusX-1) जो सिग्नस तारामंडल का सबसे चमकीला स्रोत है. उसके बाद से इस सिस्टम में करीब 50 ब्लैक होल खोजे जा चुके हैं. हमारी मिल्की वे गैलेक्सी में ही करीब एक करोड़ ब्लैक होल होने की उम्मीद की जाती है. ब्लैकहोल को कब्र की मजार कहा जाता है. मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग अपनी किताब अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम में बता चुके हैं कि कैसे ब्लैक होल का विशाल गुरुत्व इंसान के शरीर के हिस्सों को और फिर उसके अणुओं को अलग अलग कर निगल सकता है.
पिछले तीस सालों में हबल टेलीस्कोप ने दर्शाया है कि सभी गैलेक्सी (Galaxies) के केंद्र में ब्लैक होल (Black Hole) होता है. इन विशाल ब्लैक होल को सुपरमासिव ब्लैक होल कहा जाता है. बड़ी गैलेक्सी के और बड़े ब्लैक होते हैं. ब्रह्माण्ड में सूर्य से कुछ बड़े भार के ब्लैक होल से उसके अरबों गुना ज्यादा भारी सुपरमासिव ब्लैक होल पाए जाते हैं. यह अंतर एक सेब और गीजा केपिरामिड की ही तरह है. खगोलविदों ने पिछले साल ही किसी ब्लैक होल की तस्वीर हासिल की है जो वास्तव में इवेंट होराइजन की है. यह 7 अरब सौर भार वाला पिंड अंडाकार गैलेक्सी M87 के केंद्र में है. यह हमारी गैलेक्सी के ब्लैक होल से करीब हजार गुना ज्यादा बड़े ब्लैकहोल को खोजकर्ताओं ने पिछले साल का नोबेल पुरस्कार जीता है.
आमतौर पर ब्लैक होल (Black Hole) अंधेरे में डूबे ही दिखाई देते हैं. लेकिन जब उनका गुरुत्व पास के तारों और गैस को निगलना शुरु करता है, तब उनसे तीव्र और चमकीला विकिरण निकलता है. विशालकाय ब्लैकहोल दो कारणों से खतरनाक होते हैं, यदि आप उसके बहुत पास चले गए तो अत्याधिक गुरुत्व आपको अंदर ही खींच लेगा, लेकिन अगर उस समय ब्लैक होल सक्रिय हो कर क्वासेर चरण में हुआ तो आप में ही विस्फोट हो कर आपका उच्च ऊर्जा वाला विकिरण हो जाएगा. जब ब्लैक होल क्वासेर में बदलता है तो वह ब्रह्माण्ड का सबसे चमकीला पिंड हो जाता है.
अभी तक खोजा गया सबसे बड़ा ब्लैक होल (Black Hole) सूर्य से 40 अरब गुना ज्यादा भारी है. जहां सौरमंडल के बाहरी ग्रह सूर्य का चक्कर करीब 250 साल में लगाते हैं. ब्लैकहोल इतनी ही दूरी का खुद का घूर्णन तीन महीने में पूरी कर लेता है. उसका बाहरी किनारा प्रकाश की आधी गति से घूमता है. ब्लैक होल के केंद्र में सिंग्युलरिटी प्वाइंट होता है जहां पदार्थ का घनत्व अनंत हो जाता है और भैतिकी के सभी नियम नाकाम हो जाते हैं. स्टीवन हॉकिंग के अनुसार ब्लैक इस ब्रह्माण्ड के अंत में सबसे आखिरी बचने वाली वस्तु होंगे. यानि ये डरावने पिंड एक तरह से अमर हैं.
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