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जंग के मैदान में किसकी टैंक का कहर! चीन का टाइप 99ए या भारत का टी-99

Gulabi
6 Feb 2021 2:06 AM GMT
जंग के मैदान में किसकी टैंक का कहर! चीन का टाइप 99ए या भारत का टी-99
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भारत चीन सीमा (India China Border) पर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है.

भारत चीन सीमा (India China Border) पर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. चीन ने अब कराकोरम की पहाड़ियों में टाइप 99ए टैंक (Type 99a Tank) को तैनात कर दिया है. चीन (China) ने ये टैंक 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर तैनात किए हैं. चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक टाइप 99ए चीन का सबसे घातक हथियार है. इसकी फायर पावर (Fire Power) और आर्मर क्षमता का कोई मुकाबला नहीं है. इसका सामना भारत के टी-90 टैंक (T-90 Tank) से होगा.


चीन के विशेषज्ञ टाइप 99ए टैंक को पहाड़ी क्षेत्रों और ऑक्सीजन की कमी वाले इलाकों में सक्षम नहीं मानते. हालांकि यह टैंक बेहद ताकतवर है. युद्ध की स्थिति में अगर टाइप 15 लाइट टैंक को मदद की जरूरत पड़ती है तो टाइप 99ए काम आ सकता है. दूसरे विशेषज्ञों का कहना है कि यह टैंक तीसरी पीढ़ी का है और इसके भीतर घातक गोला बारुद, बड़े गोले दागने वाली तोप, बेहतरीन फायर सिस्टम और अडवांस्ड इलेक्ट्रानिक सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है.

चीन के टैंक का वजन ज्यादा
टाइप 99ए टैंक रूस के टी-72 और जर्मनी के लेपर्ड 2 टैंक जैसा ही है. सेना में पहली बार इसे 2001 में शामिल किया गया था. अगर इसकी तुलना भारत के टी-90 टैंक से करें तो वजन के मामले में चीन का टैंक ज्यादा भारी है. टाइप 99ए का वजन 57 टन है तो टी-90 का वजन 48 टन है लेकिन यही गुण भारतीय टैंक को पहाड़ी इलाकों के लिए ज्यादा सक्षम बनाता है. दोनों में ही 125 मिमी की तोप का इस्तेमाल किया गया है. दोनों ही एंटी टैंक मिसाइल फायर कर सकते हैं. इनसे लंबी दूरी के लक्ष्य और यहां तक निचली उड़ान वाले एयरक्राफ्ट को भी निशाना बनाया जा सकता है.

विशेषज्ञ बताते हैं कि चीन के टैंक में नया इंफ्रारेड ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है यह टी 90 की तुलना में बेहतर तरीके से दुश्मन को निशाना बना सकता है. भारतीय टैंक टी-90 में रेलिस्ट सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. इससे एंटी टैंक मिसाइलों से बचा जा सकता है. वहीं चीन का टैंक लेजर वार्निंग सिस्टम से लैस है. जब भी इसे लेजर से निशाना जाएगा तो ये टैंक कमांडर को उसकी जानकारी भेज देगा.
भारतीय टैंक का बचाव बेहतर
टी-90 टैंक में बचाव के लिए श्तोरा एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है जो लेजर को जाम करके उसे रोकने के लिए धुएं वाला ग्रेनेड फेंकता है. रफ्तार की बात करें तो टाइप 99ए भारतीय टैंक से आगे है. चीन का टैंक 50 मील/घंटा तो भारतीय टैंक 42 से 45 मील/घंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है.


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