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पाकिस्तान के अस्पताल की छत पर मिलीं लाशें किसकी? कपड़े कर रहे इशारा

Neha Dani
16 Oct 2022 8:49 AM GMT
पाकिस्तान के अस्पताल की छत पर मिलीं लाशें किसकी? कपड़े कर रहे इशारा
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हमारे पास लिखित दस्तावेज हैं जिनमें हमने उन्हें लाशों को ले जाने के लिए कहा है।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक अस्पताल की छत से शनिवार को करीब 200 लाशें सड़ती हुई मिली थीं। लाशों के वीडियो और तस्वीरों ने पाकिस्तान को स्तब्ध कर दिया था। रविवार को यह मामला और बड़ा हो गया क्योंकि कुछ सबूत संकेत दे रहे हैं कि ये लाशें बलूच और पश्तूनों की हो सकती हैं जिन्हें जबरन गायब किया गया था। सूत्रों के हवाले से खबरों में दावा किया गया कि मुल्तान के निश्तार अस्पताल की छत से कई लाशें बरामद की गईं। इनमें से कई शवों की छाती खुली हुई थी और उनके अंग गायब थे। पाकिस्तान मीडिया के अनुसार अस्पताल प्रशासन ने इन लाशों के लिए पुलिस और रेस्क्यु अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था जो समय पर मुर्दाघर से शव लेकर नहीं जाते।
न्यूज 18 की खबर के अनुसार, एक डॉक्टर ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि शवों पर मिले बड़े 'सलवार' इस बात का संकेत देते हैं कि पीड़ित या तो बलूच हैं या पश्तून। डॉक्टर ने कहा कि उनकी मजबूत शारीरिक संरचना भी एक संकेतक है लेकिन अस्पताल प्रशासन उनका डीएनए टेस्ट नहीं कर रहा है और मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। माना जा रहा है कि अज्ञात शव जबरन गायब करवाए गए लोगों के हैं जिन्हें बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों से अगवा किया गया था।
कैसे हुआ छत पर लाशों का खुलासा?
सूत्रों के हवाले से खबरों में कहा गया कि माना जा रहा है कि ये शव लापता लोगों के हैं क्योंकि किसी भी पंजाबी, सिरैकी या स्थानीय ने अस्पताल से इन पर दावा नहीं किया है। एएनआई की खबर के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार चौधरी जमान गुर्जर ने कहा कि वह अस्पताल के दौरे पर थे जब एक शख्स उनके पास आया और बोला, 'अगर आप कुछ अच्छा काम करना चाहते हैं तो मुर्दाघर जाकर देंखे।' उन्होंने कहा कि जब मैं वहां पहुंचा तो स्टाफ मुर्दाघर के दरवाजे खोलने के लिए तैयार नहीं था। मैंने उनसे कहा कि अगर आप दरवाजे नहीं खोलेंगे तो मैं आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दूंगा।
बलूच अलगाववादियों ने उठाई DNA टेस्ट की मांग
गुर्जर ने कहा कि जब मैंने डॉक्टर से शवों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेडिकल छात्र इनका इस्तेमाल अपनी पढ़ाई के लिए करते हैं। बलूच अलगाववादी नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मानवीय संगठनों से मामले की स्वतंत्र जांच और डीएनए टेस्ट की अपील की है। हजारों बलूच और पश्तूनों के लापता होने का मुद्दा समय-समय पर UNHRC में भी उठाया जा चुका है। अस्पताल की एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस और रेस्क्यु अधिकारी शवों को समय से वापस लेकर नहीं जाते। हमारे पास लिखित दस्तावेज हैं जिनमें हमने उन्हें लाशों को ले जाने के लिए कहा है।

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