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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में नए कार्यावाहक प्रधानमंत्री के चुनाव को लेकर उथल-पुथल मची हुई है। अगस्त में शहबाज शरीफ सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वहीं, आम चुनाव नवंबर में प्रस्तावित किया गया है। इतने दिनों तक देश के कामकाज को संभालने के लिए एक कार्यवाहक सरकार का गठन किया जाना है। ऐसे में इस कार्यवाहक सरकार के मुखिया के चुनाव को लेकर सत्ताधारी पीडीएम गठबंधन में खींचतान मची हुई है। गठबंधन की सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन आसिफ अली जरदारी इस मुद्दे पर दुबई में नवाज शरीफ के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। इस बीच दावा किया गया है कि सहयोगी दलों ने कुल पांच नेताओं का चुनाव किया है, जिनमें से किसी एक को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है।
जेयूआई-एफ के सीनेटर कामरान मुर्तजा ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक या दो दिन में जेयूआई-एफ प्रमुख फजलुर रहमान से परामर्श करने के बाद कार्यवाहक प्रधान मंत्री चुनने पर अंतिम निर्णय लेंगे। उन्होंने द न्यूज से बात करते हुए कहा कि उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग संविधान के अनुसार पीएम शहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद द्वारा की जाएगी क्योंकि अंतिम निर्णय के लिए वही मान्य होगा। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके सीनेटर कामरान ने कहा कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रत्येक सदस्य दल को अपनी सिफारिशें रखने का अधिकार है, लेकिन अंतिम निर्णय गठबंधन के नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने फैसला किया है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद के लिए एक राजनेता का चयन किया जाएगा और इसके लिए पांच नामों को शॉर्टलिस्ट किया है। हालांकि, उन्होंने अंतिम फैसला होने की कोई तारीख नहीं बताई। ख्वाजा आसिफ ने बस इतना कहा कि पीपीपी और पीएमएल-एन ने मिलकर चार से पांच नामों को अंतिम रूप दिया है, जिन पर अन्य दलों के साथ चर्चा की जाएगी।" उन्होंने कहा कि एक नाम को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सहयोगी दलों का नेतृत्व इस संबंध में अंतिम निर्णय लेगा। चुनाव 90 दिनों में होना चाहिए । मेरी निजी राय है कि चुनाव 90 दिन पहले हो जाने चाहिए। मुझे लगता है कि नेशनल असेंबली अपने कार्यकाल से दो दिन पहले ही भंग कर दी जाएगी। अगर असेंबली में मैदान खाली छोड़ दिया जाता तो बहुत दिक्कत हो सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने न तो कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद के लिए वित्त मंत्री इशाक डार का नाम प्रस्तावित किया था और न ही किसी भी स्तर पर इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि डार ने कभी किसी मंच पर ऐसे इरादे जाहिर नहीं किए।
पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को गैर भरोसेमंद बताने वाले बयान पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यह उनकी निजी राय है। वह अब भी इस बारे में सतर्क हैं। इस बीच, पीपीपी के सूत्रों ने पुष्टि की कि कार्यवाहक पीएम के लिए पांच नाम पार्टी के साथ साझा किए गए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में अफवाह थी कि इशाक डार अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवार थे। हालांकि, न तो डार और न ही किसी अन्य पीएमएल-एन नेता ने अफवाहों को खारिज किया था। बल्कि, योजना मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि वित्त मंत्री को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है। बाद में, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने डार के नामांकन के दावे को खारिज कर दिया और पीपीपी ने भी उनकी नियुक्ति का विरोध किया।
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