दुनियाभर में लगभग दस लाख युवाओं को हेडफोन सुनने या तेज संगीत वाले स्थानों पर जाने से बहरेपन का खतरा हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर बाकायदा चेताया भी है। दरअसल, कई लोगों को हेडफोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुनना पसंद होता है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि ये आदत भारी पड़ सकती है।
बीएमजे ग्लोबल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक, हेडफोन लगाकर तेज आवाज में संगीत सुनने से श्रवण क्षमता खत्म होने लगती है और बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है। शोध के मुताबिक, 43 करोड़ से अधिक लोग यानी दुनिया की आबादी के पांच प्रतिशत से भी अधिक लोग वर्तमान में सुनने की अक्षमता से पीड़ित हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार, 2050 तक यह संख्या बढ़कर 700 मिलियन (70 करोड़) हो जाएगी।
2050 तक प्रभावितों की संख्या बढ़कर 70 करोड़ तक हो जाएगी
डब्ल्यूएचओ ने भी इस शोध का नेतृत्व करते हुए युवाओं को सचेत किया है। उसके अनुमान के अनुसार, 2050 तक इस खतरे से प्रभावितों की यह संख्या बढ़कर 700 मिलियन (70 करोड़) हो जाएगी। 43 करोड़ से अधिक लोग यानी दुनिया की आबादी का पांच प्रतिशत से भी अधिक लोग वर्तमान में सुनने की अक्षमता से पीड़ित हैं।
33 अध्ययनों के आंकड़ों के बाद निकला निष्कर्ष: शोध में पिछले दो दशकों में अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच और रूसी में प्रकाशित 33 अध्ययनों के आंकड़ों का आकलन किया गया। जिसमें 12-34 आयु वर्ग के 19,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। इसके नतीजे बेहद गंभीर पाए गए।