विश्व
डब्ल्यूएचओ : अब तक 57 देशों में फैल चुका है ओमीक्रॉन का नया वेरिएंट
Renuka Sahu
2 Feb 2022 4:43 AM GMT
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फाइल फोटो
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट का नया वेरिएंट बीए.2 बहुत तेजी से फैल रहा है और अब तक यह 57 देशों में पाया जा चुका है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट का नया वेरिएंट बीए.2 बहुत तेजी से फैल रहा है और अब तक यह 57 देशों में पाया जा चुका है.विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमीक्रॉन का वेरिएंट बीए.2 ज्यादा संक्रामक हो सकता है और इसका असर मूल वायरस से भी ज्यादा हो सकता है. अब तक 57 देशों में इसके मामले में मिल चुके हैं. ओमीक्रॉन का पता दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका में चला था और दो महीनों से कम समय में यह पूरी दुनिया को अपनी जकड़ में ले चुका था. अपने साप्ताहिक अपडेट में डबल्यूएचओ ने कहा कि पिछले एक महीने में जितने नमूने जमा किए गए उनमें से 93 प्रतिशत में ओमीक्रॉन के अलग-अलग सब-वेरिएंट्स बीए. 1, बीए. 1.
1, बीए. 2 और बीए. 3 पाए गए हैं. बीए. 1 और बीए. 1.1 की पहचान सबसे पहले हुई थी और यह संक्रमण का 96 प्रतिशत हिस्सा है. बीए.2 मूल वायरस से अलग है और इसके मामलों में स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, "बीए.2 के मामले 57 देशों द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं. कुछ देशों में तो ओमीक्रॉन के कुल मामलों के आधे इसी के हैं" डबल्यूएचओ का कहना है कि इन सब-वेरिएंट्स के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है इसलिए और ज्यादा अध्ययन किया जाना चाहिए जो इसके संक्रामक स्वभाव और प्रतिरोध क्षमता को धोखा देने की खूबी के बारे में और ज्यादा जानकारी दे सके. हाल ही में हुए कई अध्ययनों में बीए. 2 को मूल ओमीक्रॉन से ज्यादा संक्रामक बताया गया है. कोविड अब भी खतरनाक है कोविड पर संगठन की विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने बताया कि ज्यादा जानकारी तो उपलब्ध नहीं है लेकिन शुरुआती आंकड़े ऐसा संकेत देते हैं कि बीए. 1 के मुकाबले बीए. 2 की वृद्धि थोड़ी ज्यादा है. आमतौर पर ओमीक्रॉन पहले के ज्ञात वेरिएंट जैसे डेल्टा के मुकाबले कम घातक है और इसके लक्षण उतने गंभीर नहीं हैं.
डॉ. वान केरखोव ने कहा कि अब तक तो ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि बीए. 2 की गंभीरता पहले से ज्यादा है. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी वेरिएंट हो, कोविड अब भी एक बहुत खतरनाक बीमारी है और लोगों को इससे बचना चाहिए. डॉ. केरखोव ने कहा, "हमें लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए कि यह वायरस अब भी फैल रहा है और अब भी अपने स्वरूप बदल रहा है. बहुत जरूरी है कि हम सावधानी बरतें, और जो भी वेरिएंट फैल रहा हो, उससे बचकर रहें."
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