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WHO ने कहा- कोविड महामारी के बावजूद दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में तंबाकू के उपयोग में भारी गिरावट

Neha Dani
17 Nov 2021 8:18 AM GMT
WHO ने कहा- कोविड महामारी के बावजूद दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में तंबाकू के उपयोग में भारी गिरावट
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यह अफ्रीका के बाद दूसरी सबसे कम क्षेत्रीय औसत दर होगी| आपको बता दें कि अफ्रीका में धूम्रपान का दर 2025 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है

कोरोना वायरस की महामारी के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। तंबाकू के इस्तेमाल में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिसके लिए डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों की सराहना की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोविड महामारी के बावजूद वर्षों से लगातार और ठोस प्रयास जारी रखने का यह परिणाम है। WHO ने इस प्रयास को आगे भी जारी रखने और बढ़ाने के लिए कहा जिससे तंबाकू के अभिशाप को हमेशा के लिए मिटाया जा सके।

डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताए सफलता के कुछ प्रमुख कारण
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने तंबाकू के इस्तेमाल में आई भारी गिरावट के कुछ प्रमुख कारण बताए। डॉ खेत्रपाल सिंह ने कहा की इस सफलता के लिए निरंतर राजनीतिक प्रतिबद्धता और निगरानी को मजबूत करने के लिए देशों द्वारा किए गए अथक प्रयास, तंबाकू नियंत्रण उपायों का विस्तार, जिसमें उपयोगकर्ताओं को तंबाकू छोड़ने में मदद करने के लिए समाप्ति सेवाएं शामिल हैं|
डब्लूएचओ ग्लोबल रिपोर्ट
डब्लूएचओ ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ट्रेंड्स इन ट्रेंड्स ऑफ टोबैको यूज 2000-2025 (चौथा संस्करण, 2021) के अनुसार, डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने पुरुषों में धूम्रपान के औसत प्रसार के साथ तंबाकू के उपयोग में गिरावट की सबसे तेज दर हासिल की है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पुरुषों में तम्‍बाकू का इस्‍तेमाल वर्ष 2000 में 50 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2020 में 25 प्रतिशत हो गया है। वहीं महिलाओं में तम्बाकू धूम्रपान वर्ष 2000 में 8.9 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2020 में 1.6 प्रतिशत रह गया है।
इस प्रगति को डब्ल्यूएचओ के एफसीटीसी और एमपीओवर पैकेज के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। तंबाकू की महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिए इसकी आपूर्ति में की गई कमी एक बड़ी वजह है। गैर-संचारी रोगों (non-communicable diseases) के लिए तंबाकू का उपयोग प्रमुख जोखिम कारणों में से एक है और एनसीडी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रभावी तंबाकू नियंत्रण महत्वपूर्ण है।
डब्लूएचओ के बयान में कहा गया है कि भारत और नेपाल 2025 तक वैश्विक एनसीडी कार्य योजना के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तंबाकू के उपयोग में 30 प्रतिशत की कमी हासिल करने वाले देशों में शामिल हैं। यकीनन यह उपलब्धि बड़ी है और यदि वर्तमान स्तर पर तंबाकू नियंत्रण के प्रयास जारी रहते हैं, तो इस क्षेत्र में धूम्रपान का दर 2025 में 11 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। यह अफ्रीका के बाद दूसरी सबसे कम क्षेत्रीय औसत दर होगी| आपको बता दें कि अफ्रीका में धूम्रपान का दर 2025 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच सकता है


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