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दुनियाभर में कोरोनावायरस का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। अमेरिकी और यूरोपीय देश कोरोना की चौथी से पांचवीं लहर का सामना कर रहे हैं।
दुनियाभर में कोरोनावायरस का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। अमेरिकी और यूरोपीय देश कोरोना की चौथी से पांचवीं लहर का सामना कर रहे हैं। वहीं अफ्रीका देश बोत्सवाना में मिले कोरोना के नया B.1.1.529 वैरिएंट का नामकरण हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वैरिएंट का नाम ओमिक्रॉन रखा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को इस वैरिएंट पर चर्चा के लिए बैठक रखी थी, जहां इस कोरोना के प्रकार को नाम दिया गया। इस कोरोना वैरिएंट का नाम भी ग्रीक अल्फाबेट के आधार पर रखा गया है। इससे पहले दिसंबर 2020 के अंत में दुनियाभर में तबाई मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट का नाम भी डब्ल्यूएचओ ने रखा था जिसे चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
कितना परिष्कृत है कोरोना का यह स्वरूप?
अफ्रीकी देश बोत्सवाना में मिला कोरोना का नया B.1.1.529 वैरिएंट कितना खतरनाक होगा, यह कहना अभी मुश्किल है। हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो यह अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेटेड वैरिएंट है। यानी यह चीन में पाए गए कोरोना के आधारभूत स्वरूप का सबसे परिष्कृत रूप है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वैरिएंट में 30 म्यूटेशन पाए गए हैं। यह डेल्टा के मुकाबले करीब दो गुना म्यूटेशन हैं।
नए वैरिएंट से अफ्रीका में क्या हाल?
दक्षिण अफ्रीका में इसके पहले कुछ केस सामने आने के बाद एक दिन के अंदर ही यहां संक्रमण दर 93 फीसदी तक बढ़ गई है। स्थानीय वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का यह वैरिएंट अब तक दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में फैल चुका है और इसके ज्यादातर शिकार युवा हैं।
ग्रीक की वर्णमाला से लिए जा रहे नए वैरिएंट के नाम
कोरोना महामारी के बाद दुनियाभर में आजकल कोरोना को अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा आदि वेरिएंट के नाम से जानते हैं। लेकिन ये नाम ऐसे नहीं रखे जा रहे। ये नाम ग्रीक की प्राचीन वर्णमाला से लिए जा रहे हैं।
पिछले साल दिसंबर में ब्रिटेन में कोरोना के नए वेरिएंट का पता चला था। इसका नाम ग्रीक वर्णमाला के पहले अक्षर से लिया गया था। इसके बाद बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट भी आ गए, अब डब्ल्यूएचओ ने नए वैरिएंट का नाम ग्रीक अक्षर ओमिक्रॉन पर रखा है।
Subhi
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