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भविष्य के लिए WHO कर रहा है बड़ी तैयारी, अनुवांशिकी में छेड़छाड़ रोकने को उठा रहा यह कदम

Rani Sahu
12 July 2021 4:11 PM GMT
भविष्य के लिए WHO कर रहा है बड़ी तैयारी, अनुवांशिकी में छेड़छाड़ रोकने को उठा रहा यह कदम
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भविष्य के लिए WHO कर रहा है बड़ी तैयारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मानव 'जीनोम एडिटिंग पर नयी सिफारिशें करते हुए एक वैश्विक रजिस्ट्री के लिए अपील की है। इसका मकसद जीन्स में किये जाने वाले किसी भी छेड़छाड़ का पता लगाना होगा। डब्ल्यूएचओ ने अनैतिक एवं असुरक्षित अनुसंधान से जुड़े मुद्दों को सामने लाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने की भी बात कही है। 'जीनोम एडिटिंग टेक्नोलॉजी का एक समूह है, जो वैज्ञानिकों को किसी जीव के डीएनए में बदलाव करने में सहायता करता है।

असल में चीनी वैज्ञानिक हे जैनकुई 2018 के अंत में एक नाटकीय ऐलान किया था। इसके मुताबिक उन्होंने विशेषज्ञ समूह गठित किया था और विश्व के पहले 'जीन एडिटेड (जीन्स में बदलाव) बच्चे को सृजित किया है। इसके बाद ही डब्लूएचओ ने यह घोषणा की है। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ समूह ने सोमवार को अपनी दो रिपोर्ट में कहा कि मानव जीनोम एडिटिंग से जुडे सारे अध्ययनों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। हालांकि, समूह ने यह भी जिक्र किया कि इससे सिद्धांतों से भटके हुए या नैतिकता का पालन नहीं करने वाले वैज्ञानिकों को नहीं रोका जा सकता। समूह ने कहा कि 'स्टेम सेल अनुसंधान के क्षेत्र में अनैतिक उद्यमियों और क्लीनिकों ने जानबूझकर क्लीनिकल परीक्षण रजिस्ट्री का दुरुपयोग किया है।
समूह ने डब्ल्यूएचओ से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि सभी जीन्स एडिटिंग रिसर्च की समीक्षा की जाए और एक एथिकल कमेटी द्वारा उसे मंजूरी दी जाए। जब चीनी वैज्ञानिक ने यह घोषणा की थी उन्होंने जुड़वां शिशु के डीएनए में बदलाव किया है ताकि वे एचआईवी से संक्रमित नहीं हो। तब उन्होंने कहा था कि जिस विश्वविद्यालय में वह काम करते हैं उसे इस बारे में पता नहीं था। उसने अपनी ओर से इसके लिए पैसे जुटाए थे। बाद में उन्हें अवैध मेडिकल आचरण के लिए तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। समिति में शामिल एक विशेषज्ञ एवं फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के रॉबिन लोवेल बैज ने रूस, यूक्रेन और तुर्की की ऐसी कई घटनाओं का जिक्र किया है, जिनमें विवादित जीन्स एडिटिंग के प्रयोग की योजना बनाई जा रही है।


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