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दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में मौतों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है.
कोरोना महामारी के दौरान बड़े पैमाने पर मेडिकल किट इस्तेमाल किए गए. इस्तेमाल के बाद कचरे में फेंके गए अब यही किट दुनिया के लिए समस्या बन रहे हैं. वहीं, इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयास में दस्तानों, पीपीई किट, मास्क और टीकाकरण सीरिंज के अधिक इस्तेमाल के कारण मेडिकल वेस्ट (कचरे ) का अंबार लग गया है.
स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए है खतरा
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी WHO ने बताया कि हजारों टन अतिरिक्त चिकित्सा कचरे ने अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को प्रभावित किया है. यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरा है. यह खतरा इन प्रणालियों में सुधार करने और इसमें सरकारों व लोगों दोनों के सहयोग की "सख्त आवश्यकता" की ओर इशारा करता है. .
जनता को होना होगा जागरूक
WHO की जल, स्वच्छता और स्वास्थ्य इकाई के तकनीकी अधिकारी डॉ. मार्गरेट मोंटगोमरी ने कहा कि जनता को जागरूक उपभोक्ता भी बनना चाहिए. मात्रा के लिहाज से यह बहुत अधिक वेस्ट है. मोंटगोमरी ने व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई किट) का जिक्र करते हुए कहा कि हमें लगता है लोग अत्यधिक पीपीई किट पहन रहे हैं. WHO का कहना है कि कोविड-19 से लड़ने के लिए मार्च 2020 से नवंबर 2021 तक प्राप्त किए गए इस तरह के लगभग 87,000 टन मेडिकल किट बेकार हो गए हैं.
पाबंदी हटाने जाने पर भी जताई चिंता
वहीं, कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर WHO का कहना है कि कोरोना से जंग जीतने और इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पाबंदियों को जल्द हटाना जल्दबाजी होगी. WHO ने कहा कि ओमिक्रॉन को अन्य वेरिएंट की तुलना में हल्का माना जा सकता है, लेकिन दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में मौतों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है.
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