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WHO प्रमुख की चेतावनी, कहा- अभी खत्म नहीं हुई महामारी, आ सकता है कोरोना का नया वैरिएंट

Neha Dani
13 July 2022 1:57 AM GMT
WHO प्रमुख की चेतावनी, कहा- अभी खत्म नहीं हुई महामारी, आ सकता है कोरोना का नया वैरिएंट
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वैक्सीन ने लाखों लोगों की जान बचाई है और सरकारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अधिक जोखिम वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करें.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस अदनोम घेबियस ने पूरी दुनिया को कोरोना को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है. उन्होंने मंगलवार को महामारी को लेकर चेतावनी दी कि कोविड-19 मामलों की ताजा लहरें दर्शाती हैं कि महामारी कहीं खत्म नहीं हुई है. कोविड​​​​-19 पर एक मीडिया ब्रीफिंग में डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि मुझे चिंता है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर और दबाव बढ़ रहा है. महामारी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है.


कोरोना महामारी अब भी हेल्थ इमरजेंसी

उन्होंने दुनिया की सभी सरकारों से कहा कि वर्तमान में मौजूद महामारी विज्ञान के आधार पर अपनी कोविड-19 के खिलाफ योजनाओं की नियमित समीक्षा करें. इसके साथ ही उन्होंने यह भी संभावना जताई कि भविष्य में कोरोना के नए वैरिएंट भी सामने आ सकते हैं. कोविड​​​​-19 पर आपातकालीन समिति की पिछले सप्ताह हुई बैठक में यह कहा गया कि महामारी अब भी एक वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी बनी हुई है.

अब भी बढ़ रहे कोरोना के मामले

टेड्रोस ने कहा, 'मैं चिंतित हूं कि कोविड​​​​-19 के मामले बढ़ रहे हैं. विस्तारित स्वास्थ्य प्रणालियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर और दबाव बढ़ रहा है. मौतें भी अस्वीकार्य रूप से अधिक हैं.' उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट जैसे बीए.4 और बीए.5, दुनिया भर में कोरोना के मामलों बढ़ोतरी का कारण बन रहे हैं. इसके साथ ही इस बैठक में महामारी को लेकर निगरानी के मुद्दे को उठाया गया. इसमें कहा गया कि कोरोना के खिलाफ निगरानी काफी कम हो गई है.

वैक्सीनेशन बेहद जरूरी

डॉ. टेड्रोस ने महामारी के खिलाफ योजना बनाने और उससे निपटने की सलाह दी. उन्होंने कहा, 'कोविड-19 की योजना बनाना और उससे निपटना भी खसरा, निमोनिया और दस्त जैसी जानलेवा बीमारियों के टीकाकरण के साथ-साथ चलना चाहिए. उन्होंने वैक्सीनेशन को जरूरी बताते हुए कहा कि वैक्सीन ने लाखों लोगों की जान बचाई है और सरकारों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अधिक जोखिम वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित करें.


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