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आरोग्य सेतु ऐप की WHO चीफ ने किया तारीफ, कहा- इससे कोरोना हॉटस्पॉट पहचानने में मिली मदद

Deepa Sahu
13 Oct 2020 2:37 PM GMT
आरोग्य सेतु ऐप की WHO चीफ ने किया तारीफ, कहा- इससे कोरोना हॉटस्पॉट पहचानने में मिली मदद
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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए बनाए गए भारतीय ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु की विश्व स्वास्थ्य संगठन

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | जिनेवा : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए बनाए गए भारतीय ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु की विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एधनोम ने जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इस ऐप की मदद से भारत को कोरोना वायरस के क्लस्टर को पहचानने में मदद मिली। जिससे वहां टेस्टिंग को बढ़ाकर मामले पर काबू पाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस ऐप को भारत में 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड भी किया है।

क्या कहा WHO चीफ ने?

टेड्रोस ने आरोग्य सेतु ऐप की तारीफ करते हुए कहा कि इसकी मदद से स्वास्थ्य अधिकारियों को कोरोना क्लस्टर (अधिक संक्रमित क्षेत्र) का पता लगाने में सहायता मिलती है। इससके साथ ही इस ऐप के जरिए यह पता करना भी आसान होता है कि किस क्षेत्र में टेस्ट बढ़ाने की आवश्यकता है।

सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए जरूरी है यह ऐप

भारत सरकार ने लगभग सभी सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए इस ऐप के इस्तेमाल को जरूरी कर दिया है। ट्रेन, बस या फ्लाइट में सफर से पहले यात्री को आरोग्य सेतु ऐप को दिखाना जरूरी है। वहीं, अधिकतर सरकारी या प्राइवेट ऑफिसेज में भी इस ऐप के जरिए ही कर्मचारियों को एंट्री दी जा रही है।

3 अप्रैल को हुआ था लॉन्च

भारत सरकार ने इस ऐप को 3 अप्रैल 2020 को लॉन्च किया था। जो मोबाइल के ब्लूटूथ और जीपीएस तकनीकी के जरिए आसपास के कोरोना संक्रमित लोगों का पता लगाता है। इससे यह भी पता चलता है कि इसको यूज करने वाला शख्स कोरोना वायरस से कितना सुरक्षित है।

इस ऐप पर छिड़ा था राजनीतिक घमासान

आरोग्य सेतु ऐप को लेकर भारत में राजनीतिक घमासान भी छिड़ चुका है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस ऐप को लोगों की निजता का हनन बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार इस ऐप के जरिए लोगों पर नजर रख रही है। वहीं, सरकार और ऐप को बनाने वाली कंपनी ने उनके इन आरोपों का खंडन किया था।

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