कोरोना वायरस (Corona virus) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद से संक्रमण के मामले दुनिया भर में बढ़ रहे हैं. देश में भी पिछले 24 घंटे में कोविड के 1,94,720 लाख नए केस सामने आए हैं और संक्रमण की दर 11.05 प्रतिशत हो गई है. वहीं, अगर ओमिक्रॉन की बात करें तो इसके भी देश में 4868 मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना महामारी की नई लहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर दुनिया के सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने पर जोर दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख सोमवार को कहा है कि इस महामारी को खत्म करना संभव है लेकिन इसके लिए कुछ कड़े कदम उठाने होंगे. WHO चीफ टेड्रोस एडनॉम ने कहा, "निश्चित रूप से COVID को हराया जा सकता है, लेकिन दुनिया भर की सभी सरकारों और वैक्सीन उत्पादकों को 2 चीजों को लेकर आश्वस्त करना होगा. पहला ये कि ऐसे देश जहां पर वैक्सीन नहीं पहुंच रही है लेकिन कोरोना का जोखिम है, उन देशों में वैक्सीन की सप्लाई को बढ़ाएं. और दूसरा यह कि लोगों को वैक्सीन देने के लिए आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त पूर्ति की जाएगी. हम तब तक कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं है.
WHO प्रमुख ने 2021 के अपने अंतिम संबोधन में भी कहा था "कोई भी देश इस महामारी से बचा नहीं है. हमारे पास COVID-19 को रोकने और उसका इलाज करने के लिए कई नए उपकरण हैं. वैक्सीन की असमानता (कई छोटे या गरीब देशों में वैक्सीन नहीं पहुंचना) जितनी लंबी जारी रहेगी, इस वायरस के विकसित होने का जोखिम उतना ही अधिक होगा, जिसे हम रोक नहीं सकते. यदि हम वैक्सीन की असमानता को समाप्त करते हैं, तो हम महामारी को भी समाप्त कर देंगे."
कुछ छोटे और गरीब देशों में वैक्सीनेशन उतने अच्छे से नहीं हो पा रहा है, जितना कि अमीर देशों में वैक्सीनेशन हो रहा है.
We can end the #COVID19 pandemic but governments and manufacturers must:
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) January 10, 2022
-Increase vaccine supplies to countries at risk with low coverage
-Ensure the resources needed to get jabs in arms
We are not safe anywhere until we are safe everywhere. #VaccinEquity https://t.co/8zbFk52UxI
WHO चीफ ने आगे कहा कि "COVID-19 महामारी के तीसरे साल में प्रवेश कर गए हैं, अगर हम सभी इससे मिलकर लड़ते हैं तो मुझे विश्वास है कि यह वह वर्ष होगा जब हम सभी इस महामारी को खत्म कर देंगे. आगे कहा कि "2022 के मध्य तक सभी देशों में 70 % लोगों को टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सभी देशों को एक साथ काम करने की आवश्यकता है."
वैक्सीन असमानता पर जताई थी चिंता
WHO चीफ 2022 से ही वैक्सीन और उसके लिए पर्याप्त संसाधनों की अहमियत पर जोर देते रहे हैं. उन्होंने इस बात को फिर से दोहराते हुए कहा कि 'विश्व के नेताओं को वैक्सीन असमानता को समाप्त करने के लिए एक साथ आना चाहिए, क्योंकि कई देशों में वैक्सीन की कमी के कारण देश की बड़ी आबादी वैक्सीनेट नहीं हो पाई है, लेकिन कुछ अमीर देशों ने अपनी बूस्टर डोज की भी खुराक देनी शुरू कर दी है.'
वहीं, पिछले हफ्ते भी वैक्सीन समानता को लेकर WHO चीफ ने कहा था कि 'अगर हम वैक्सीन को सही तरह से शेयर करने में असफल होते हैं, तो वायरस के नए वैरिएंट आते रहेंगे और हमें तबाह करते रहेंगे.'