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बीजिंग, (आईएएनएस)| सुपरकंप्यूटर का महत्व यह है कि वे अत्याधुनिक तकनीकों के विकास का आधार हैं, और कई वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाएं सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं के सुधार पर निर्भर करती हैं। सुपर कंप्यूटर वास्तव में हमारे पीसी यानी घरेलू कंप्यूटरों के समान हैं, जिनका उपयोग विभिन्न डेटा को संसाधित करने के लिए किया जाता है। लेकिन सुपर कंप्यूटर की कंप्यूटिंग शक्ति किसी भी तरह से सामान्य कंप्यूटरों की तुलना में नहीं है। उदाहरण के लिए, अमेरिका के सुपरकंप्यूटर 'फ्रंटियर' को 1.685 पीएफ6एक्सोफ्लॉप्स की कंप्यूटिंग शक्ति प्राप्त है। ऐसी कंप्यूटिंग गति को सामान्य भाषा में वर्णित नहीं किया जा सकता है।
इस समय दुनिया के शीर्ष 500 सुपर कंप्यूटरों में से लगभग दो-तिहाई चीन और अमेरिका से आते हैं, जिनमें चीन के 173 और अमेरिका के 149 होते हैं। सूची में शीर्ष दस सुपर कंप्यूटरों में से दो चीनी भी हैं, अर्थात छठे स्थान पर रहने वाला 'शेनवेई ताइहू लाइट' तथा नौवें स्थान पर का 'तियानहे नंबर 2' हैं। इनके अलावा, जापान, फिनलैंड, भारत और अन्य देशों में भी सुपर कंप्यूटर का विकास किया जा रहा है।
सुपर कंप्यूटर की असाधारण कंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग वैज्ञानिक सिमुलेशन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। सुपरकंप्यूटिंग में बुनियादी अनुसंधान, इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, जीव विज्ञान, सामग्री विज्ञान, ऊर्जा और सैन्य में अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है। सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर हमेशा चीन और अमेरिका से आते हैं।खबर है कि चीन की नव पीढ़ी वाले सुपर कंप्यूटर ने एक बार फिर अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है, और चीन इस समय सुपरकंप्यूटिंग में विश्व में अग्रणी है।
चीन सुपरकंप्यूटिंग के क्षेत्र में भारी निवेश क्यों करता है? ऐसा इसलिए है, क्योंकि कंप्यूटिंग शक्ति उद्योग और अर्थव्यवस्था जैसे कई उद्योगों के विकास को निर्धारित करती है। अब हम सूचनाकरण, बुद्धि और डिजिटलीकरण के युग में प्रवेश कर चुके हैं। डेटा उत्पादन का एक नया साधन बन गया है और कंप्यूटिंग शक्ति सबसे महत्वपूर्ण उत्पादकता में से एक बन गई है। मानव सुपरकंप्यूटिंग के माध्यम से अग्रिम रूप से परिणामों की भविष्यवाणी कर सकेगा, जिसका आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए असाधारण महत्व है।
पारंपरिक सुपरकंप्यूटिंग के अलावा, अब वैजानिक क्वांटम कंप्यूटर का भी विकास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, चीनी क्वांटम कंप्यूटर 'जियुझांग' की प्रसंस्करण गति पारंपरिक सुपर कंप्यूटरों से कहीं अधिक है। भविष्य में दुनिया को क्वांटम कंप्यूटरों के 'क्वांटम वर्चस्व' द्वारा शासित किया जाएगा।
सुपरकंप्यूटिंग शक्ति का व्यावहारिक अनुप्रयोग हमारे जीवन से निकटता से संबंधित है। उदाहरण के लिए, मौसम का पूवार्नुमान सुपरकंप्यूटिंग से अविभाज्य है। चीन में वर्तमान में कक्षा में 6 मौसम संबंधी उपग्रह, 120 उच्च ऊंचाई वाले अवलोकन स्टेशन, 236 नई पीढ़ी के मौसम रडार और 10,930 राष्ट्रीय स्तर के सतह मौसम विज्ञान स्टेशन हैं। उनके द्वारा एकत्र किए गए मौसम संबंधी अवलोकन डेटा को सुपरकंप्यूटर के द्वारा निपटारा जा रहा है, ताकि मौसम विकास की प्रवृत्ति की गणना की जा सके। सो सुपर कंप्यूटर की गणना की गति जितनी तेज होगी, मौसम पूवार्नुमान की सटीकता उतनी ही अधिक होगी।
साथ ही, सुपरकंप्यूटिंग क्षमता की उन्नति से लोगों की आजीविका के क्षेत्रों जैसे रसद, वित्त और ऊर्जा में भी बदलाव आएगा, जो मानव के जीवन में भारी बदलाव लाएगा।
इस समय, चीन और अमेरिका वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग के विकास में सबसे आगे हैं। चीन समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करने को तैयार है, लेकिन कुछ देश प्रतिस्पर्धियों को दबाने के अपने रवैये को नहीं छोड़ना चाहता है। सुपरकंप्यूटिंग भी दूसरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के समान है, यानी कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के आधार पर केवल प्रभावी सहयोग ही विश्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति को बढ़ावा दे सकता है, और विज्ञान और प्रौद्योगिकी को दुनियाभर के लोगों को लाभान्वित कर सकता है। हर मोड़ पर प्रतिस्पर्धियों को दबाने की प्रथा दुनिया में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अनुकूल नहीं है।
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