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कोरोना मरीजों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन में रहने की WHO ने दी सलाह, बताया कारण
Renuka Sahu
5 Jan 2022 4:12 AM GMT
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फाइल फोटो
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड मरीजों को 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहने की सलाह दी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड मरीजों को 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहने की सलाह दी है। हालांकि, कोरोना के ज्यादातर मरीज लक्षणों की शुरुआत के पांच से सात दिनों में ठीक हो जाते हैं। मंगलवार को डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने एक प्रेस वार्ता में ये बताया। डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 इंसीडेंट मैनेजमेंट सपोर्ट टीम के आब्दी महमूद ने कहा, 'राज्यों को अपनी व्यक्तिगत स्थितियों के आधार पर क्वारंटीन की अवधि के बारे में निर्णय लेना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि कम संक्रमण वाले देशों में क्वारंटीन की लंबी अवधि कोरोना मामलों को कम करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि देशों की अर्थव्यवस्था को चालू रखने के लिए क्वारंटीन की छोटी अवधि को उचित ठहराया जा सकता है। अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 दोनों से संक्रमित होना संभव है। चूंकि दोनों अलग-अलग वायरस हैं जो अलग-अलग तरीकों से शरीर पर हमला करते हैं, इसलिए उनके नए वायरस में संयोजन का थोड़ा जोखिम होता है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 29 दिसंबर 2021 तक लगभग 128 देशों ने ओमिक्रोन वैरिएंट के मामलों की सूचना दी थी। दक्षिण अफ्रीका में जहां अपेक्षाकृत कमी के बाद मामलों में तेज वृद्धि देखी गई। वहां, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर कम बनी हुई है। हालांकि, अन्य देशों में एक जैसी स्थिति नहीं रहने वाली है। उन्होंने कहा, 'नए अध्ययन से पता चलता है कि नए अध्ययन इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि ओमिक्रोन फेफड़ों के बजाय ऊपरी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, जो अच्छी खबर है। उच्च जोखिम वाले व्यक्ति और बिना टीकाकरण वाले लोग अभी भी ओमिक्रोन से गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं।'
दूसरे स्ट्रेन से आगे निकल सकता है ओमिक्रोन
महमूद ने कहा कि ओमिक्रोन कुछ ही हफ्तों में दूसरे स्ट्रेन से आगे निकल सकता है, खासतौर पर उन इलाकों में जहां अतिसंवेदनशील लोगों की बड़ी संख्या है, मुख्य रूप से वे जो बिना टीकाकरण वाले हैं। उन्होंने बताया कि डेनमार्क में अल्फा वैरिएंट के मामलों को दोगुना होने में दो सप्ताह का समय लगा, जबकि ओमिक्रोन को इसमें दो ही दिन लगे। दुनिया ने इस तरह के एक संक्रामक वायरस को कभी नहीं देखा है।
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