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व्हाइट हाउस: जो बाइडेन यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मिलने की कोई योजना नहीं

Neha Dani
19 April 2022 5:48 AM GMT
व्हाइट हाउस: जो बाइडेन यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मिलने की कोई योजना नहीं
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लुहान्स्क के अलग-अलग गणराज्यों ने यूक्रेनी सैनिकों द्वारा तीव्र हमलों से उन्हें बचाने के लिए मदद का अनुरोध किया था.

रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) है. ऐसे में अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं. इसी बीच खबर आ रही थी कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden)यूक्रेन (Ukrain) राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मिलेंगे. हालांकि, अब व्हाइट हाउस ने इस खबर का खंडन किया है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मिलने के लिए कीव जाने की कोई योजना नहीं है.

यूक्रेन को सहायता
साकी ने बाइडेन प्रशासन की एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी अधिकारी को जल्द ही कीव (Kyiv) भेजने की योजना के बारे में जानकारी दी. अमेरिका (America) ने पहले यूक्रेन को भारी तोपखाने सहित अतिरिक्त 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान करने की घोषणा की थी, क्योंकि वॉशिंगटन (Washington) ने पूर्वी यूक्रेन में रूस द्वारा 'व्यापक हमले' की आशंका जताई थी.
अमेरिका सबसे बड़ा सहयोगी
साकी ने कहा कि वॉशिंगटन ने पिछले हफ्ते यूक्रेन को सुरक्षा सहायता के चार विमान भेजे हैं. वहीं, एक और विमान आज भेजा जा रहा है. बता दें कि यूक्रेन का समर्थन करने वाले 30 सहयोगियों में से संयुक्त राज्य अमेरिका सैन्य सहायता का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है.
3.2 डॉलर की सहायता
जनवरी 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन के पदभार ग्रहण करने के बाद से वॉशिंगटन ने यूक्रेन को 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सुरक्षा सहायता प्रदान की है. फरवरी के अंत में यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद से कुल राशि का लगभग 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर स्वीकृत किया गया था.
24 फरवरी को अभियान किया शुरू
अमेरिकी सैन्य सहायता में स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल, जेवलिन एंटी-आर्मर सिस्टम, हॉवित्जर और आर्टिलरी राउंड, एमआई -17 हेलीकॉप्टर, छोटे हथियार और गोला-बारूद, ड्रोन, रडार डिवाइस जैसे घातक हथियार शामिल हैं. 24 फरवरी को, रूस (Russia) ने यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया, जब डोनेट्स्क और लुहान्स्क के अलग-अलग गणराज्यों ने यूक्रेनी सैनिकों द्वारा तीव्र हमलों से उन्हें बचाने के लिए मदद का अनुरोध किया था.
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