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Ukraine पर रूस-अमेरिका तनाव के बीच किस खेमे में शामिल होगा Pakistan? पीएम इमरान खान ने कही बड़ी बात

Renuka Sahu
14 Feb 2022 2:34 AM GMT
Ukraine पर रूस-अमेरिका तनाव के बीच किस खेमे में शामिल होगा Pakistan? पीएम इमरान खान ने कही बड़ी बात
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फाइल फोटो 

यूक्रेन के मसले पर संकट काफी गहरा गया है. यूक्रेन संकट पर रूस और अमेरिका के मध्य बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि वैश्विक राजनीति में उनका देश किसी खेमे में शामिल नहीं होगा, क्योंकि उनकी नीति ‘हर देश से रिश्ते बनाए रखने’ की रही है. इम

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन के मसले पर संकट काफी गहरा गया है. यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) पर रूस और अमेरिका के मध्य बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने रविवार को कहा कि वैश्विक राजनीति (Global Politics) में उनका देश किसी खेमे में शामिल नहीं होगा, क्योंकि उनकी नीति 'हर देश से रिश्ते बनाए रखने' की रही है. इमरान खान ने पत्रकारों, पूर्व राजनयिकों और थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों से बातचीत में कहा कि हम ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचना चाहते, जिससे ऐसा लगे कि हम किसी खास खेमे का हिस्सा हैं.

किसी खेमे में शामिल नहीं होगा पाकिस्तान- इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (Pakistan PM) इमरान खान (Imran Khan) ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान किसी अन्य देश की तुलना में चीन की (China) ओर ज्यादा प्रभावित है. उन्होंने कहा कि देश की नीति है, ''हर देश के साथ संबंध बनाये रखना. एक सवाल के जवाब इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना का रावलपिंडी स्थित मुख्यालय भी इस देश की नीति को लेकर स्पष्ट है. पाकिस्तान की सेना ने देश की आजादी के 74 साल में से आधे समय तक राज किया. ऐसा पहली बार नहीं है जब खान ने कहा है कि वह नये शीतयुद्ध की स्थिति में अमेरिका और चीन का अनुसरण नहीं करेंगे.
इमरान ने की थी अमेरिका और चीन को साथ लाने की बात
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने कहा था कि अमेरिका (America) और चीन (China) को एक साथ लाने में पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाना चाहता है क्योंकि 'एक और शीत युद्ध' से किसी को फायदा नहीं होगा. घरेलू चुनौतियों के बारे में बात करते हुए खान ने कहा कि देश के सुधार में लालफीताशाही सबसे बड़ी बाधा है. उन्होंने कहा कि संघीय सरकार की कीमत पर प्रांतों के सशक्तिकरण ने भी समस्याएं पैदा की हैं.
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