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मार्शल लॉ लागू करने के बाद कहां थे राष्ट्रपति यून? प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस के प्रमुख से पुलिस ने पूछा सवाल

jantaserishta.com
20 Dec 2024 11:26 AM GMT
मार्शल लॉ लागू करने के बाद कहां थे राष्ट्रपति यून? प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस के प्रमुख से पुलिस ने पूछा सवाल
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सोल: मार्शल लॉ मामले की जांच के तहत पुलिस ने प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस (पीएसएस) के प्रमुख से पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि पीएसएस के प्रमुख पार्क जोंग-जून से राष्ट्रीय जांच कार्यालय की विशेष जांच टीम ने गवाह के तौर पर पूछताछ की।
योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि यह पहली बार था जब राष्ट्रपति कार्यालय के किसी अधिकारी से मार्शल लॉ जांच के सिलसिले में पूछताछ की गई थी। पीएसएस प्रमुख से पूछताछ कर पुलिस ने यह पता लगाने की कोशिश की कि 3 दिसंबर की रात को यून कहां थे। पुलिस पार्क और रक्षा खुफिया कमान के पूर्व प्रमुख मेजर जनरल नोह सांग-वोन के बीच संभावित संबंधों की भी जांच कर रही है, जिन पर अल्पकालिक मार्शल लॉ लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है।
बुधवार को, दक्षिण कोरिया के रक्षा खुफिया कमान के प्रमुख को मार्शल लॉ ऑपरेशन में भाग लेने के संदेह में भ्रष्टाचार विरोधी जांच निकाय ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। यह निकाय मार्शल लॉ मामले की जांच कर रहा है। नेशनल असेंबली ने 14 दिसंबर को राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था। यह प्रस्ताव 03 दिसंबर की रात को मार्शल लॉ लागू करने के लिए उनके खिलाफ लाया गया था। अब सभी की निगाहें संवैधानिक न्यायालय पर टिकी हैं, जो राष्ट्रपति यून सूक योल के महाभियोग पर अंतिम फैसला लेगा।
न्यायालय यह फैसला करेगा कि संसद के उस फैसले को मंजूरी दी जाए या नहीं, जिसके तहत या तो यून को पद से हटाया जाएगा या उन्हें पद पर बहाल किया जाएगा। यून पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा के माध्यम से विद्रोह भड़काने का आरोप है। उन्हें संवैधानिक न्यायालय के मुकदमे के लंबित रहने तक ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है। उनकी जगह प्रधानमंत्री हान डक-सू ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाल लिया।
बता दें राष्ट्रपति यून ने 03 दिसंबर की रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया। मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।
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