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सोने का बेशकीमती खजाना कहां गया? कहीं हाथ न मलते रह जाए तालिबान

Neha Dani
18 Sep 2021 4:41 AM GMT
सोने का बेशकीमती खजाना कहां गया? कहीं हाथ न मलते रह जाए तालिबान
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सोने के अलावा इनमें से कई को फ़िरोज़ा, कारेलियन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था।

अफगानिस्तान की सत्ता में 20 बाद वापसी करने वाले तालिबान को अब इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर बैक्ट्रियन गोल्ड खजाना कहां है। रिपोर्ट की मानें तो तालिबान अब 2000 साल पुराने बैक्ट्रियन गोल्ड के खजाने को सुरक्षित करने के लेने के लिए एक तलाशी अभियान शुरू कर चुका है। तालिबान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने बैक्ट्रियन खजाने को ट्रैक करने और उसका पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। बैक्ट्रियन खजाने को बैक्ट्रियन गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है, जिसे चार दशक पहले शेरबर्गन जिले के तेला तापा इलाके में खोजा गया था, जो उत्तरी जवज्जन प्रांत का केंद्र है।

टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान के अंतरिम कैबिनेट के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा कि उन्होंने संबंधित विभागों को बैक्ट्रियन खजाने को खोजने और उसकी जांच का काम सौंपा है। उन्होंने कहा कि इस मसले की जांच चल रही है और हम यह जानने के लिए जानकारी एकत्र करेंगे कि आखिर खजाना असल में कहां है। अगर इसे अफगानिस्तान से बाहर ले जाया गया है तो फिर यह देशद्रोह है। अगर यह खजाना और अन्य प्राचीन वस्तुओं को देश से बाहर ले जाया गया है तो फिर फगानिस्तान की सरकार गंभीर कार्रवाई करेगी।
नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, बैक्ट्रियन खजाने में प्राचीन दुनिया भर से हजारों सोने के टुकड़े होते हैं और यह पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईस्वी तक छह कब्रों के अंदर पाए गए थे। इन कब्रों में 20,000 से अधिक वस्तुएं थीं, जिनमें सोने की अंगूठियां, सिक्के, हथियार, झुमके, कंगन, हार, हथियार और मुकुट शामिल थे। सोने के अलावा इनमें से कई को फ़िरोज़ा, कारेलियन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था।


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