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जब 300 साल पहले फैली थी कोरोना वायरस जैसी महामारी, खत्म होने में लगे थे 280 साल, आइए जाने सब कुछ

jantaserishta.com
24 May 2021 2:54 AM GMT
जब 300 साल पहले फैली थी कोरोना वायरस जैसी महामारी, खत्म होने में लगे थे 280 साल, आइए जाने सब कुछ
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कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मच रखा है. इस महामारी की वजह से अब तक करोड़ों लोगों की जान जा चुकी है लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ यही महामारी मानव जाति के लिए संकट बनी हो इससे पहले भी पृथ्वी पर मनुष्यों ने भयावह महामारी का सामाना किया है. बोस्टन के लाइब्रेरी एंड आर्काइव्स द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई एक मंत्री की डायरी सहित नए डिजीटल रिकॉर्ड से पता चला है कि 1700 के दशक में आए चेचक के विनाशकारी प्रकोप ने हजारों हजार लोगों की जिंगदी लील ली थी.

रिकॉर्ड से पता चला है कि 17वीं शताब्दी में अमेरिका के तटों से दूर के इलाकों में भयानक महामारी फैली थी. अब तीन सदियों बाद कोरोना वायरस प्रकोप के सामने आने के बाद विशेषज्ञ इसकी समानता 3 सदी पहले फैली महामारी से देखकर आश्चर्यचकित हैं. न्यू इंग्लैंड हिस्टोरिक वंशावली सोसायटी के साथ मिलकर काम करते हुए पुराने दस्तावेजों का डिजिटलीकरण का नेतृत्व करने वाले सीएलए के पुरातात्विक लेखपाल जाचारी बोदनार ने कहा, "हम कितने कम बदले हैं."
बोदनार ने एक साक्षात्कार में कहा, "तथ्य यह है कि हम अपने अतीत के रिकॉर्ड में इन समानताओं को ढूंढ रहे हैं, यह दिलचस्प समानांतर प्रकिया है." "कभी-कभी जितना अधिक हम सीखते हैं, उतना ही हमें और सीखने की जरूरत होती है, मुझे ऐसा लगता है.
जिस वक्त चेचक जैसी महामारी का दुनिया से सफाया किया गया था उस वक्त तक ये महामारी दुनिया भर में लाखों लोगों की मौत का कारण बन चुकी थी. रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए काम करने वाले यू.एस. केंद्र का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में चेचक का अंतिम प्राकृतिक प्रकोप 1949 में आया था.
1980 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्णय लेने वाली शाखा ने इसे समाप्त करने की घोषणा की, और तब से स्वाभाविक रूप से होने वाले चेचक के कोई मामले सामने नहीं आए हैं. इस तरह से चेचक को खत्म होने पूरे 280 साल का समय लगा था.
1600 के दशक में यूरोप से आए चेचक महामारी के प्रकोप से मूल तौर पर ​​बड़ी संख्या में अमेरिकियों की मौत हुई थी. उस सदी के अंत तक दुनिया में चेचक महामारी के खिलाफ कोई टीका नहीं था. एक अंग्रेज डॉक्टर ने 1897 में चेचक के खिलाफ 4 वर्षीय बच्चे को पहला टीका लगाया था.
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