आज से 6.6 करोड़ साल पहले धरती पर हुई महाविनाश की घटना काफी मशहूर है। इसमें डायनासोर के साथ-साथ पृथ्वी का 75 फीसदी जीवन नष्ट हो गया था। लेकिन इससे भी करोड़ों साल पुरानी एक घटना इसकी तुलना में काफी छोटी मानी जाती है, जिसे 'द ग्रेट डाइंग' कहा जाता है। यह कयामती महाविनाश की घटना हजारों साल तक चली, जिसमें पृथ्वी पर केवल 5 फीसदी जीवन ही बचा था। हाल ही में वैज्ञानिकों ने ये पता लगा लिया है कि आखिर यह 5 फीसदी जीवन बचने में कैसे सफल रहा और इन जीवों का विकास चक्र कैसे आगे बढ़ सका?
पर्मियान युग में हुए इस महाविनाश के बाद पहले डायनासोर और स्तनापायी जीवन 16.5 करोड़ साल पहले आने शुरू हुए। कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेस के पीटर रूपनारायन ने कहा कि हुआंग ने उनकी लैब में एक साल का समय बिताया और इकोलॉजिल मॉडलिंग पद्धतियों को लागू कर खाद्य जाल की स्थायित्व का पता लगाया, जिससे शोधकर्ता प्रजातियों को खाद्य जाल से छांट सके। इस महाविनाश के बाद पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से खड़ा होने में एक करोड़ साल का समय लगा, जबकि अन्य घटनाओं में सुधार जल्दी हो गया था।