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वहीं ईरान और मध्य एशिया के लाखों लोगों को असमय मौत का शिकार होना पड़ा था.
मानव सभ्यता के इतिहास में अलग अलग कालखंड के दौरान पनपी महामारियों ने मानव जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना से पहले स्पैनिश फ्लू और प्लेग (Plague) जैसी वैश्विक महामारियों ने करोड़ों लोगों की जान ली है. इन चर्चाओं के बीच वैज्ञानिकों ने प्लेग महामारी को लेकर बड़ी अहम जानकारी सामने आई है.
कब और कहां से फैली प्लेग महामारी?
सैकड़ों साल पहले मिडिल ईस्ट के एक मशहूर सिल्क ट्रेड रूट के नजदीक मिले कब्रिस्तान में मिले कंकालों की पड़ताल से वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कैसे 14वीं शताब्दी में ब्लैक डेथ (Black Death) यानी प्लेग (Plague) महामारी की शुरुआत हुई. दरअसल खुदाई के दौरान मिले कंकालों की डीएनए (DNA) जांच से 600 साल से भी ज्यादा पुराने उस राज का पता लगा लिया गया है जिससे दुनिया अबतक अनजान थी. आपको बताते चलें कि 14वीं शताब्दी में प्लेग महामारी ने दुनिया में जबरदस्त तबाही मचाई थी. जिसके कारण उस दौर में भी करोड़ों लोगों की मौत हुई थी.
दुनिया का पहला प्लेग मरीज कब मिला?
रॉयटर्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक स्कॉटलैंड में स्टर्लिंग विश्वविद्यालय, जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट और ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय की रिसर्च टीम ने किर्गिस्तान के कब्रिस्तान से मिले DNA का विश्लेषण करके पता लगाया है कि प्लेग महामारी की शुरुआत 1330 के दौरान मध्य एशिया में हुई थी. शोधकर्ताओं को यहां सैकड़ों साल पहले दफन किए लोगों के दांतों में प्लेग फैलाने वाले बैक्टीरिया का DNA मिला है. शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि एक दशक से भी कम समय में ये महामारी पूरी दुनिया में फैल गई.
चूहों से नहीं इंसानों से फैला प्लेग
इस शोध की रिपोर्ट नेचर जर्नल में प्रकाशित की गई है. आपको बता दें कि इस स्टडी के को-ऑथर और स्टर्लिंग यूनीवर्सिटी (University Of Stirling) के इतिहासकार फिलिप स्लाविन (Philip Slavin) का कहना है कि हमारी इस खोज के बाद अब प्लेग महामारी को लेकर सदियों पुरानी बहस और थ्योरी अप्रासंगिक हो गई है. इस शोध में ये भी कहा गया कि ये महामारी चूहों से नहीं बल्कि इंसानों के जरिए पूरी दुनिया में फैली थी.
कई सदियों तक रहा इसका प्रकोप
स्टडी टीम के मुताबिक ये महामारी सैकड़ों सालों तक लोगों को मारती रही. उस समय भी हालात ऐसे थे प्लेग के फैलने से पहले उसका खौफ फैल जाता था. एक रिपोर्ट के मुताबिक सैकड़ों साल पहले लंदन में प्लेग फैलने से पहले ही शवों को दफनाने के लिए बड़ी जगह छोड़ दी गई थी. वहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जिस किसी शहर में भी प्लेग फैला वहां की 50-60 फीसदी आबादी खत्म हो गई थी. इस महामारी से सबसे ज्यादा मौतें यूरोप और मिडिल ईस्ट में हुई थीं. वहीं ईरान और मध्य एशिया के लाखों लोगों को असमय मौत का शिकार होना पड़ा था.
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