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जब अमेरिका मना रहा था 9/11 का गम, तब तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर फहराया अपना झंडा

Renuka Sahu
12 Sep 2021 5:57 AM GMT
जब अमेरिका मना रहा था 9/11 का गम, तब तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर फहराया अपना झंडा
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फाइल फोटो 

अमेरिका में 11 सितंबर के आतंकी हमलों की 20वीं बरसी के दिन ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का झंडा लगा दिया गया.

जनता से रिश्ता वेबडेसक। अमेरिका (America) में 11 सितंबर के आतंकी हमलों (9/11 attacks) की 20वीं बरसी के दिन ही अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति भवन (Presidential palace) पर तालिबान का झंडा (Taliban Flag) लगा दिया गया. तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता ने कहा कि ये नई सरकार के आधिकारिक काम का संकेत है. अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कुछ दिनों के बाद 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों की बरसी मनाई गई. तालिबान ने अमेरिकी दूतावास की इमारत की दीवार पर भी अपना सफेद झंडा पेंट किया है.

समूह सांस्कृतिक आयोग के मल्टीमीडिया शाखा प्रमुख अहमदुल्ला मुत्ताकी (Ahmadullah Muttaqi) ने कहा कि तालिबान अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) ने शनिवार को एक समारोह में झंडा फहराया. तालिबान ने पिछले हफ्ते अंतरिम सरकार का ऐलान किया, इसमें सिर्फ पुरुष शामिल रहे. तालिबान सरकार से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी निराश नजर आ रही है, क्योंकि इस्लामिक ग्रुप ने अपने समावेशी सरकार बनाने के वादे को तोड़ा है. तालिबान ने अंतरिम 'इस्लामिक अमीरात' का गठन किया और अपनी नई सरकार में कट्टरपंथियों को नामित किया.
इन कट्टरपंथी नेताओं को तालिबान ने बनाया मंत्री
मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है. वहीं, मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) और मौलवी अब्दुल सलाम हनफी (Molavi Abdul Salam Hanafi) को डिप्टी प्रधानमंत्री बनाया गया है. सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) को अफगानिस्तान का गृह मंत्री, पुलिस और सुरक्षा का प्रभारी बनाया गया है. सिराजुद्दीन हक्कानी हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network) का सरगना है, जिसके अल कायदा (al Qaeda) से संबंध होने के लिए जाना जाता है. वह FBI की वांटेड लिस्ट में है और एक वैश्विक आतंकवादी घोषित है.
तालिबान के समर्थन में उतरी महिलाएं
तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में नई सरकार का ऐलान किया. तालिबान ने कहा था कि वह शरिया कानून के तहत देश में शासन चलाएगा. वहीं, शनिवार को सैकड़ों महिलाओं ने तालिबान के समर्थन में सिर से पांव तक काला लिबास पहनकर मार्च निकाला. इन महिलाओं ने महिलाओं के अधिकारों का हवाला देते हुए अफगानिस्तान से भागने वाले हजारों लोगों को जिक्र करते हुए कहा, 'जो महिलाएं यहां से चली गईं, वे हमारा प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.' तख्तियां लेकर इन महिलाओं ने तालिबान का समर्थन किया. एक तख्ती पर लिखा हुआ था, 'हम महिला-पुरुष के एक साथ शिक्षा का समर्थन नहीं करते हैं.'


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