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फियोना और क्लिफर्ड की मानें तो पुतिन के दिमाग पर अपनी जिंदगी की मुश्किलों का काफी असर देखने को मिलता है।
मॉस्को: 'मुझे जो बात सबसे ज्यादा हैरान करती है, वह है कि कैसे सिर्फ एक व्यक्ति की कोशिशें उसे वह हासिल करा देती हैं, जो दुनिया की सेनाएं नहीं दे पाती,' ये शब्द हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जो इन दिनों यूक्रेन के साथ जंग की वजह से खबरों में बने हुए हैं। पुतिन ने ये बातें उस समय कहीं थी जब उनकी उम्र करीब 50 साल थी। उस समय उनकी आत्मकथा 'फर्स्ट पर्सन' रिलीज हुई थी और उसमें ही उन्होंने यह कहा था। पुतिन ने इसमें यह भी कहा था कि एक जासूस पूरी दुनिया का भविष्य तय कर सकता है। आज वह एक राष्ट्रपति हैं लेकिन उन्होंने सोवियत संघ की इंटेलीजेंस एजेंसी केजीबी के साथ अपनी प्रोफेशनल जिंदगी की शुरुआत की थी। आज पुतिन वहीं हैं, जहां वह हमेशा से पहुंचना चाहते थे।
15 साल की उम्र से बनना था जासूस
सन् 1968 में आई रशियन स्पाई फिल्म द शील्ड एंड स्वॉर्ड और कोल्ड वॉर थ्रिलर्स को देखने के बाद पुतिन ने केजीबी को ज्वॉइन करने का फैसला लिया था। वह हमेशा से जासूस बनाना चाहते थे और उन्हें जानने वालों की मानें तो आज यूक्रेन में दुनिया जो कुछ देख रही है, वह उसी जासूसी दिमाग की उपज है। एक राष्ट्रपति के तौर पर वह जो भी फैसले लेते हैं, उन पर उनकी एजेंट लाइफ का असर नजर आता है।
सिर्फ 15 साल की उम्र में केजीबी के डायरेक्टर पास के जाकर उनसे नौकरी की मांग सिर्फ पुतिन ही कर सकते थे। ठुकराये जाने पर उन्होंने सोचा कि या तो मिलिट्री ट्रेनिंग लेनी पड़ेगा या फिर उच्च शिक्षा और तभी वह एक सफल स्पाई बन सकते हैं। पुतिन की मानें तो उस समय उन्होंने ठाना था, उसे हासिल करने से उनके मां-बाप भी उन्हें नहीं रोक पाए। उनके माता-पिता नहीं चाहते थे कि वह एक केजीबी एजेंट बनें।
रीगन पर रखी नजर
यूनिवर्सिटी के आखिरी साल में एक अनजान शख्स ने पुतिन को वह असाइनमेंट दे दिया जिसका वह बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। पांच साल के लिए उन्हें स्पाई ट्रेनिंग मिलनी थी और इसके बाद वह केजीबी के जासूस बन जाते। पुतिन ने हमेशा खुद को छिपाकर रखा और एक सफल जासूस साबित हुए। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के फोटोग्राफर रहे पीट सुजा भी बतौर एजेंट पुतिन के टैलेंट के कायल थे। सुजा ने एक फोटोग्राफ शेयर कर बताया था कि जिस समय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन मॉस्को पहुंचे थे तो उस समय पुतिन बतौर टूरिस्ट्स रेड स्क्वॉयर पर मौजूद थे। वह उनके हर कदम पर नजर रख रहे थे। हालांकि पुतिन ने सुजा के इस दावे को खारिज कर दिया था।
रूस के CEO पुतिन
अमेरिकी विदेश विभाग में मनोवैज्ञानिक और मॉस्को में पांच साल गुजारने वाली डॉक्टर केनेथे डेकलेवा की मानें तो पुतिन एक निर्दयी, ताकतवर और महत्वाकांक्षी लीडर हैं जो रूस और अपने लिए सम्मान चाहता है। केनेथ की मानें तो पुमिन न सिर्फ रिस्क लेने में यकीन करते हैं बल्कि वह काफी सोच-विचारकर कोई फैसला लेते हैं। लेकिन वह उन्हें दुनिया में एक अशांति फैलाने वाले नेता के तौर पर करार देती हैं। पुतिन ने एक बार खुद को रूस का सीईओ तक कह डाला था।
'माफिया फैमिली का डॉन'
फियोना हिल और क्लिफोर्ड गैडी ने मिस्टर पुतिन: ऑपरेटिव इन क्रेमलिन में लिखा है कि पुतिन की स्टाइल किसी माफिया फैमिली से आने वाले डॉन के जैसी है जिसने अपनी जिंदगी में काफी दुख देखे हैं। एक डॉन जिसकी मां भूख की वजह से मरते-मरते रह गई और 41 साल की उम्र में जिसने अपने बेटो को खो दिया। फियोना और क्लिफर्ड की मानें तो पुतिन के दिमाग पर अपनी जिंदगी की मुश्किलों का काफी असर देखने को मिलता है।
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