विश्व

क्‍या है यूक्रेन का प्‍लान बी, आखिर यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंचने में क्‍यों नाकाम रही रूसी सेना

Bhumika Sahu
8 March 2022 5:00 AM GMT
क्‍या है यूक्रेन का प्‍लान बी, आखिर यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंचने में क्‍यों नाकाम रही रूसी सेना
x
रूस यूक्रेन जंग का आज 13वां दिन है लेकिन रूसी सेना यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंचने में नाकाम रही है। सवाल यह है कि आखिर दुनिया की सर्वश्रेष्‍ठ सेना को यूक्रेनी जेलेंस्‍की तक पहुंचने में क्‍यों असफल रही। जेलेंस्‍की रूसी सेना का चकमा देने में क्‍यों सफल रहे है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस यूक्रेन जंग का आज 13वां दिन है, लेकिन रूसी सेना यूक्रेनी राष्‍ट्रपति वोल्‍दोमिर जेलेंस्‍की तक पहुंचने में नाकाम रही है। सवाल यह है कि आखिर दुनिया की सर्वश्रेष्‍ठ सेना को यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंचने में क्‍यों असफल रही। जेलेंस्‍की रूसी सेना का चकमा देने में क्‍यों सफल रहे है। रूसी सेना के शार्प शूटरों के हाथों वह अब तक नहीं आए हैं। क्‍या है यूक्रेनी सेना का प्‍लान बी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को मारने के लिए रूसियों ने तीन बार प्रयास किए थे। इसमें रूसी खुफिया एजेंसी (एफएसबी) सहित वैगर्नर ग्रुप और चेचन किलर्स शामिल थे। इसके बाद जेलेंस्‍की की सुरक्षा के खास उपबंध किए गए हैं।

1- रूस यूक्रेन जंग में यूक्रेन का समर्थन दे रहे अमेरिका और यूक्रेनी सेना ने जेलेंस्‍की की सुरक्षा के लिए एक साझा प्‍लान तैयार किया है। इस योजना को यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी कब्‍जे की आशंका के चलते तैयार किया गया है। इसका मकसद राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की को रूसी सेनाओं के शार्प शूटरों के हमलों से बचाने के लिए तैयार किया है। इसे प्‍लान बी का नाम दिया गया है। इस प्‍लान के चलते युद्ध के 13 दिन बीत जाने के बाद भी रूसी सेना जेलेंस्की के पास तक नहीं पहुंच सकी है। जेलेंस्की हर दूसरे दिन अपनी जगह को बदल देते हैं। राजधानी कीव में ही उनके लिए यूक्रेनी सेना ने कई सेफ हाउस बनाए हुए हैं।
2- इस योजना के तहत यदि यूक्रेन में रूस समर्थित कठपुतली सरकार को बैठा दिया जाता है, तो राष्‍ट्रपति जेलेंस्की की निर्वासित सरकार को यूक्रेन के पश्चिम में कार्पेथिया के पहाड़ों में तैयार राष्ट्रपति पैलेस से चलाया जाएगा। इस योजना के तहत एक रणनीति यह भी बनाई गई है कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से हथियारों की आपूर्ति लगातार जारी रखी जाएगी। अमेरिका, यूक्रेनी सेना के लड़ाकों को अन्य देशों के समान आर्थिक और सैन्य मदद देता रहेगा। इसके साथ रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों को भी नहीं हटाया जाएगा।
3- अफगानिस्‍तान में अमेरिकी अनुभव के बाद यह तय हुआ था कि जंग के हालत में राष्‍ट्रपति जेनेंस्‍की यूक्रेन नहीं छोड़ेंगे। इस बाबत जनवरी में अमेरिका की यात्रा पर गए जेलेंस्की ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में पूछताछ की थी। इस पर बाइडन प्रशासन का कहना था कि जेलेंस्की की यूक्रेन में मौजूदगी वहां के लोगों के हौसले को बनाए रखने के लिए जरूरी है। इसके बाद ही जेलेंस्की ने देश नहीं छोड़ने का बयान दिया था। जेलेंस्की की पत्नी ओलेना भी यूक्रेनी जनता के नाम वीडियो संदेश जारी करती रहती हैं, लेकिन ओलेना के यूक्रेन में होने के बारे में जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के पूर्व ही राष्‍ट्रपति असरफ गनी ने देश छोड़ दिया था। गनी के इस कदम से अमेरिका काफी निराश हुआ था। उस वक्‍त अमेरिका ने कहा था कि गनी को देश छोड़कर नहीं जाना चाहिए था, असरफ को तालिबान का मुकाबला करना चाहिए था।
4- यूक्रेन के संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति जेलेंस्की के बाद दूसरे स्‍थान पर संसद के स्पीकर होते हैं। यूक्रेन में अभी स्पीकर रुसलान स्टीफानचुक हैं। युद्ध में हमले के डर से यूक्रेनी खुफिया एजेंसी ने उन्हें और जेलेंस्की को अलग सुरक्षित स्‍थान में रखा है। बता दें कि हाल में यूक्रेन ने यूरोपीय संघ यानी ईयू की सदस्यता की मांग की थी, उस वक्त रुसलान जेलेंस्की साथ दिखे थे।


Next Story