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भारत को लेकर क्या है ब्रिटेन की नई पीएम लिज ट्रस का रुख, ऋषि सुनक की हार का कितना असर

Rounak Dey
6 Sep 2022 4:03 AM GMT
भारत को लेकर क्या है ब्रिटेन की नई पीएम लिज ट्रस का रुख, ऋषि सुनक की हार का कितना असर
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जलवायु, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक गहरे द्विपक्षीय संबंध विकसित करने पर जोर दिया था।

लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री चुनाव में लिज ट्रस ने ऋषि सुनक को हरा दिया है। वह बोरिस जॉनसन की जगह लेंगी। आधिकारिक सत्ता हस्तांतरण और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का शपथग्रहण समारोह मंगलवार को बाल्मोरल में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की उपस्थिति में होगा। इस दौरान कंजरवेटिव पार्टी के शीर्ष नेतृत्व समेत विपक्षी लेबर पार्टी के नेता शामिल होंगे। लेकिन, सोशल मीडिया में ब्रिटेन से ज्यादा भारत में ऋषि सुनक की हार को लेकर गम है। अधिकतर भारतीय ऋषि सुनक को कट्टर हिंदूवादी और भारत समर्थक नेता के तौर पर मानते हैं। ऐसे में लिज ट्रस के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ब्रिटेन संबंधों के भविष्य को लेकर चर्चा होने लगी है। ऐसे में जानिए कि लिज ट्रस के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ ब्रिटेन के संबंधों पर कैसा असर पड़ने वाला है।


विदेश मंत्री बनने से कूटनीतिक संबंधों का अच्छा ज्ञान
लिज ट्रस ब्रिटेन की विदेश मंत्री रह चुकी हैं। उनके पास राजनीति और राजनयिक संबंधों का अच्छा-खासा अनुभव भी है। वह 2010 में पहली बार ब्रिटिश संसद की सदस्य बनी थीं। उनकी वर्तमान उम्र 47 साल है। सांसद बनने के ठीक दो साल बाद 2012 में वह पहली बार शिक्षा मंत्री के रूप में डेविड कैमरन कैबिनेट में शामिल हुईं। उसके बाद 2014 में उनका प्रमोशन कर पर्यावरण मंत्री बना दिया गया। 2015 के कंजर्वेटिव कान्फ्रेंस में लिज ट्रस ने पनीर को लेकर दिए गए भाषण को लेकर उनकी जमकर खिल्ली उड़ाई गई थी।

लिज ट्रस की भारत के प्रति कैसी है सोच
लिज ट्रस विदेश मंत्री रहने के दौरान भारत को लेकर काफी सकारात्मक रही हैं। उन्होंने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारत को लेकर सख्त टिप्पणियों के काफी परहेज किया था। ब्रिटिश विदेश मंत्री के रूप में लिज ट्रस ने अप्रैल में पीएम बोरिस जॉनसन की भारत दौरे से पहले अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि भारत, रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल होना चाहता है, लेकिन ब्रिटेन, भारत को यह नहीं बताएगा कि क्या करना है। लिज ट्रस के इस बयान को भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के प्रति उनके सम्मान के तौर पर देखा गया। वह पहले भी भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करने और व्यापार, रक्षा, पर्यावरण, शिक्षा समेत हर मोर्चे पर संबंधों को मजबूत करने का समर्थन कर चुकी हैं।

भारत को साधकर चलना लिज ट्रस की मजबूरी
भारत इंडो-पैसिफिक का सबसे मजबूत खिलाड़ी होने के अलावा सबसे बड़ा बाजार भी है। ब्रिटेन में चाहें जो भी प्रधानमंत्री बने उसकी मजबूरी है कि वह भारत के साथ अच्छा संबंध बनाकर रखे। लिज ट्रस को भी ब्रिटेन की इस कमजोरी के बारे में पता है। ऐसे में वह हर हाल में भारत को साधकर चलने की कोशिश जरूर करेंगी। लिज ट्रस का भारत के प्रति नजरिया पहले से ही अच्छा है। ऐसे में उन्हें फिलहाल भारत को लेकर किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

भारत के साथ मुक्त व्यापार सौदा करना चाहती हैं लिज ट्रस
लिज ट्रस ने विदेश मंत्री रहने के दौरान भी भारत के साथ मुक्त व्यापार सौदे की काफी तरफदारी की थी। अब ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उन्हें भारत के साथ आर्थिक संबंधों को सुधारने और मुक्त व्यापार सौदे पर तेजी लाने की जरूरत है। इस समझौते के होने से भारत और ब्रिटेन के बीच 2035 तक द्विपक्षीय सालाना व्यापार 28 अरब पाउंड तक बढ़ाया जाएगा। ऐसे में पूरे ब्रिटेन के वेजेज में 3 बिलियन पाउंड की बढ़ोत्तरी होगी। पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन ने भारत यूके व्यापक णनीतिक साझेदारी पर सहमति व्यक्त की थी। इस दौरान 530 मिलियन पाउंड के निवेश पर भी सहमति बनी थी। दोनों देशों ने व्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक गहरे द्विपक्षीय संबंध विकसित करने पर जोर दिया था।

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