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क्या है इस युद्धाभ्यास का मकसद? रूस ने सैनिकों को इस देश में भेजा, कभी भी छिड़ सकती है जंग!

Neha Dani
19 Jan 2022 1:58 AM GMT
क्या है इस युद्धाभ्यास का मकसद? रूस ने सैनिकों को इस देश में भेजा, कभी भी छिड़ सकती है जंग!
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ब्रसेल्स में नाटो-रूस से संबंधित बैठक के दौरान मास्को की मांगों को दृढ़ता से खारिज कर दिया था.

रूस देश के सुदूर पूर्वी हिस्से में तैनात सैनिकों को बड़े युद्धाभ्यास के लिये बेलारूस भेज रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पश्चिमी देशों में हमले के डर के बीच इस तैनाती से यूक्रेन के पास रूसी सैन्य साजो-सामान की संख्या और बढ़ गई है.

क्या है इस युद्धाभ्यास का मकसद?
रूस के उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने कहा कि युद्धाभ्यास का मकसद रूस और बेलारूस के गठबंधन द्वारा बाहरी खतरों से निपटने के लिए संयुक्त अभ्यास करना है. दोनों देशों के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंध हैं. फोमिन ने यह नहीं बताया कि अभ्यास के लिए कितने सैनिकों और हथियारों को फिर से तैनात किया जा रहा है
हमले से पहले की तैयारी तो नहीं
हालांकि, यूक्रेन के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस अपने सहयोगी बेलारूस के क्षेत्र सहित विभिन्न दिशाओं से हमला कर सकता है. इस तैनाती से यूक्रेन के पास टैंकों और अन्य भारी हथियारों के साथ मौजूद 1,00,000 सैनिकों की ताकत और बढ़ जाएगी. पश्चिमी देशों को डर है कि यह हमले से पहले की तैयारी हो सकती है.
रूस ने की पश्चिमी देशों से गारंटी की मांग
हालांकि रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की मंशा से इनकार किया है, लेकिन उसने पश्चिमी देशों से गारंटी की मांग की है कि नाटो यूक्रेन या अन्य पूर्व सोवियत देशों में विस्तार नहीं करेगा या अपने सैनिक और हथियार वहां नहीं रखेगा. वाशिंगटन और उसके सहयोगियों ने जिनेवा में पिछले सप्ताह रूस-अमेरिका वार्ता और ब्रसेल्स में नाटो-रूस से संबंधित बैठक के दौरान मास्को की मांगों को दृढ़ता से खारिज कर दिया था.



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