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वैज्ञानिकों ने किया बेहतरीन काम
लंदन: कोरोना महामारी के दौर में हजारों लोग हर दिन जब अपनी जान गवां रहे थे और कोरोना के टीके की कोई खबर नहीं थी. उस समय ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसी दवाई की खोज की, जिसकी वजह से अकेले ब्रिटेन में 22 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की जान बच गई. वहीं, पूरी दुनिया में करीब 1.4 मिलियन यानी 14 लाख लोगों की इस टैबलेट के चलते जान बची.
ज्यादा गंभीर मामलों में इस्तेमाल हुआ डेक्सामेथासोन
डेलीमेल की खबर के मुताबिक, इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सिस्टम के अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने टेस्टिंग के बाद उन्हें डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) नाम के एस्टेरॉयड के इस्तेमाल की सलाह दी थी. ये एस्टेरॉयड बेहद सामान्य माना जाता है. इसका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार लोगों पर किया गया.
वैज्ञानिकों ने किया बेहतरीन काम
इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सिस्टम के चीफ एक्जीक्यूटिव सर साइमन स्टीवेन्स ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों के शानदार काम की वजह से दुनिया के लाखों लोगों की जान बचाई गई. उन्होंने बहुत कम समय में कारगर उपाय खोजा. क्योंकि गंभीर रूप से बीमार लोगों को बचाने के लिए हमारे पास कोई और तरीका नहीं था. वैसे, इस एस्टेरॉयड का इस्तेमाल अर्थराइटिस के रोगियों का इलाज करने के लिए होता है.
क्या है डेक्सामेथासोन?
डेक्सामेथासोन एक एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है. इसका इस्तेमाल अर्थराइटिस के रोगियों को ठीक करने में किया जाता है. लेकिन कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित लोगों को बचाने में भी ये दवा काम आई. इंग्लैंड के हेल्थ सेक्रेटरी मैट कैंकॉक ने कहा कि डेक्सामेथासोन के इस्तेमाल से मौत के करीब पहुंच चुके लोगों को जिंदगियां मिलीं.
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