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अफगानिस्तान में तालिबान ने अपने पुराने शासन (1996-2001) वाले काले नियमों को एक बार फिर लागू करना शुरू कर दिया है. इसके तहत अब तक कई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- talibanban : अफगानिस्तान में तालिबान ने अपने पुराने शासन (1996-2001) वाले काले नियमों को एक बार फिर लागू करना शुरू कर दिया है. इसके तहत अब तक कई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है.
अफगानिस्तान में वापसी के साथ ही तालिबान ने एक बार फिर अमानवीय नियमों को लागू करना शुरू कर दिया है. बीते सोमवार को दक्षिणी हेलमंद प्रांत में लोगों के दाढ़ी बनवाने और हेयरकट लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया (Taliban Order For Barbers). इसे शरिया और इस्लामिक नियमों के तहत लिया गया फैसला बताया. तालिबान की धार्मिक पुलिस ने कहा कि जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसे सख्त सजा मिलेगी. 15 अगस्त को देश पर कब्जा करने के बाद से अब तक तालिबान ने कई चीजों और गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
जब तालिबान काबुल तक पहुंचा तो मीडिया आउटलेट्स ने महिला एंकर्स को काम से निकाल दिया. इसके बाद तालिबान ने कंधार प्रांत में संगीत और टेलीविजन एवं रेडियो चैनल पर महिलाओं की आवाज पर प्रतिबंध लगा दिया. पहले तालिबान ने वादा किया था कि महिलाओं को नौकरी करने और पढ़ाई करने का अधिकार मिलेगा (Taliban Treatment With Women). लेकिन सत्ता हाथ में आते ही उसने महिलाओं को बिना मेहरम (पुरुष साथी) काम पर लौटने से इनकार कर दिया. लड़कों को माध्यमिक शिक्षा के लिए स्कूल आने को कहा गया लेकिन लड़कियों के लिए अब तक ऐसा आदेश नहीं जारी हुआ.
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के साथ तोड़फोड़
देश पर कब्जे के एक महीने बाद ही संगीत की धुन थम गई. तालिबान ने काबुल के नेशनल म्यूजिक इंस्टीट्यूट में पियानो और ड्रम सेट सहित कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को तोड़ दिया (Taliban Ban on Music). इससे जुड़ी तस्वीरें ट्विटर से शेयर की गई थीं, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया. ये तस्वीर गायक आर्यन खान ने शेयर की थीं, जिसमें उनका पियानो और ड्रम सेट टूटे हुए नजर आ रहे थे. शादी विवाह जैसे समारोह में भी संगीत बजाना सीमित कर दिया गया. संगीतकार परफॉर्म करने से डर रहे हैं.
नहीं होगा आईपीएल का प्रसारण
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित होने वाले आईपीएल का प्रसारण अफगानिस्तान में नहीं किया जाएगा. संभावित 'इस्लाम विरोधी कंटेंट' के कारण तालिबान ने इसके प्रसारण पर रोक लगा दी है. तालिबान ने कई तरह के खेल सहित मनोरंजन से जुड़ी अन्य गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है (Ban of Sports in Afghanistan). महिलाओं के खेल खेलने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व मीडिया मैनेजर और पत्रकार एम इब्राहिम मोमांडा ने ट्वीट कर कहा कि 'कथित इस्लाम विरोधी सामग्री, जैसे लड़कियों का खुले बालों में होना और नृत्य करना… के कारण देश में आईपीएल का प्रसारण प्रतिबंधित कर दिया गया है.'
पंतग उड़ाने पर लगाई गई रोक
तालिबान ने पतंग उड़ाने को इस आधार पर गैरकानूनी घोषित कर दिया कि यह युवाओं को नमाज पढ़ने और अन्य धार्मिक गतिविधियों को करने से रोकता है. समय व्यतीत करने के लिए देश के लोग पतंग उड़ाना काफी पसंद करते हैं. यहां लोग कई पीढ़ियों से पतंग का व्यापार कर रहे हैं (Prohibition on Kite Flying). अफगान लेखक खालिद होसैनी के साल 2003 के उपन्यास 'द काइट रनर' को लेकर जब एक फिल्म बनी, तो दुनिया का ध्यान इस ओर गया. पतंग के व्यापार से जुड़े एक शख्स ने बताया, 'प्रतिबंध लगने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी. हजारों परिवारों का जीवन इसपर निर्भर है.'
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