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WFP ने संयुक्त राष्ट्र को 2.3 करोड़ अफगानों को खिलाने के लिए हर महीने 22 करोड़ अमरीकी डालर की है आवश्यकता, आसान नहीं है राह

Neha Dani
15 Dec 2021 8:32 AM GMT
WFP ने संयुक्त राष्ट्र को 2.3 करोड़ अफगानों को खिलाने के लिए हर महीने 22 करोड़ अमरीकी डालर की है आवश्यकता, आसान नहीं है राह
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वहीं देश कि बड़ी तादाद भुखमरी ने जूझ रही है। खास तौर पर बच्चों के भूख से बुरे हाल हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद देश के हालात ठीक नहीं हैं। भूख से अफगान के लोगों का बुरा हाल है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने मंगलवार को बताया कि संयुक्त राष्ट्र को 2.3 करोड़ अफगानों को खिलाने के लिए हर महीने 22 करोड़ अमरीकी डालर की आवश्यकता है। WFP की कंट्री डायरेक्टर मैरी-एलेन मैकग्रार्टी ने एक प्रेस रिलीज में कहा, 'अफगानिस्तान भूख और अभाव के एक हिमस्खलन का सामना कर रहा है, जैसा कि मैंने अपने बीस से अधिक वर्षों में विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ कभी नहीं देखा।'

क्या कहा WFP की कंट्री डायरेक्टर ने
विश्व खाद्य कार्यक्रम WFP की कंट्री डायरेक्टर मैरी-एलेन मैकग्रार्टी ने अफगान में भूख के ताजा हालातों पर दुख प्रकट किया है। उन्होनें कहा कि डब्ल्यूएफपी को 2022 में 2.3 करोड़ अफगानों के लिए हर महीने 22 करोड़ अमरीकी डालर की तत्काल जरूरत है। बता दें की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि नवंबर में, डब्ल्यूएफपी ने 70 लाख से अधिक अफगान के लोगों की सहायता की, 50,000 मिलियन टन से अधिक भोजन भेजा गया है, जो कि सितंबर में भेजे गए भोजन से लगभग दोगुना है।
साथ ही बताया गया है कि आने वाले समय में यह स्थिति और खराब होने वाली है, जिसके लिए WFP ने देश के पूर्वोत्तर और मध्य उच्च क्षेत्रों में रणनीतिक स्थानों में भोजन की तैयारी शुरू कर दी है।
विज्ञप्ति में डब्ल्यूएफपी के नए सर्वे के अनुसार, अगस्त के मध्य में तालिबान के देश पर अधिकार करने के बाद अफगानिस्तान में मानवीय संकट बढ़ गया है। जिसके तहत अनुमानित 98 फीसद अफगान पर्याप्त भोजन का उपभोग नहीं कर रहे हैं, जिसमें अगस्त के बाद से 17 फीसद की वृद्धि हुई है।
आपको बता दें कि इससे पहले यूनिसेफ ने अफगानिस्‍तान में भुखमरी को लेकर चेतावनी दी थी, जिसमें बताया गया था कि देश में भोजन और पानी की बुनियादी जरूरतों की कमी के चलते बहूत से लोग भुखमरी के शिकार हो गए हैं। वहीं देश कि बड़ी तादाद भुखमरी ने जूझ रही है। खास तौर पर बच्चों के भूख से बुरे हाल हैं।


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