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रूस ने यूक्रेन के मोर्चे से घटाए सैनिक
मास्को, रायटर। यूरोप में गहराते युद्ध के संकट के बीच रूस ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन के पास सैन्य अभ्यास करने के बाद उसकी कुछ सैन्य इकाइयां अपने ठिकानों पर लौट रही हैं। रूस के इस दावे पर पश्चिमी देशों की ओर से बेहद सतर्क और सधी हुई प्रतिक्रिया आई है। ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन ने कहा कि रूस के साथ कूटनीतिक वार्ता का रास्ता खुला है लेकिन जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी बहुत उत्साहजनक नहीं है। वहीं, वार्ता के लिए मास्को पहुंचे जर्मन चांसलर ओलफ शुल्ज ने कुछ रूसी सैनिकों को मोर्चे से हटाए जाने का स्वागत किया। नाटो ने भी कहा है कि उसे जमीनी स्तर पर अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा है। हालांकि रूस की इस घोषणा का बाजार पर सकारात्मक असर दिखा है। रूस और यूक्रेन के शेयर बाजार में उछाल आया और तेल के भाव में गिरावट देखने को मिली।
उल्लेखनीय है रूस ने पिछले कई दिनों से यूक्रेन की घेराबंदी कर रखी है। उसके करीब एक लाख तीस हजार सैनिक आधुनिक सैन्य साजो-सामान के साथ यूक्रेन के इर्द-गिर्द मोर्चाबंदी किए हैं। शीत युद्ध के बाद यूरोप में यह अब तक की सबसे तनावपूर्ण स्थिति मानी जा रही है। दुनिया को आशंका है कि रूस कभी भी यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
इस बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि हमने हमेशा कहा कि सैन्य अभ्यास के बाद हमारी सेनाएं लौट आएंगी। वैसा ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने बार-बार चेतावनी देकर संकट को उस बिंदु तक हवा दीजहां पुतिन ने मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। वे लोग युद्ध का दिन और तारीख तक बता रहे थे। इस तरह की सनक को समझना असंभव है।
उधर नाटो के प्रमुख ने पिछले दो दिनों में रूस से मिले संकेतों का स्वागत करते हुए इस संकट के कूटनीतिक समाधान की उम्मीद जाहिर की। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने मीडिया से कहा कि मास्को से संकेत मिल रहे हैं कि कूटनीति जारी रहनी चाहिए। यह हमें सतर्क आशावाद का आधार देता है। लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक हमने रूस की ओर से सेनाएं हटाने का कोई संकेत नहीं देखा।
उधर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि कीव को रूस पर तभी भरोसा होगा जब वह रूसी सैनिकों को मोर्चे से पीछे हटते देखेगा। इंटरफैक्स यूक्रेन के अनुसार कुलेबा ने कहा कि हम जब खुद देखेंगे कि सैनिक वापस हो रहे हैं तभी विश्वास करेंगे।
उल्लेखनीय है रूस हमेशा से आक्रमण की योजना से इन्कार करता रहा है। उसने कहा कि वह अपने क्षेत्र में जहां उपयुक्त समझेगा सैनिकों का अभ्यास करेगा। यह अभ्यास भी पश्चिमी देशों से अपनी सुरक्षा की गारंटी के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया। रूस का कहना है कि नाटो उसके पश्चिमी मोर्चे पर अतिक्रमण की कोशिश कर रहा है।
मंगलवार को रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा 15 फरवरी, 2022 दिन इतिहास में पश्चिम के युद्ध प्रचार अभियान की विफल रहने के दिन के रूप में दर्ज होगा। बिना एक गोली चले पश्चिम का पूरा अभियान अपमानजनक तरीके से बर्बाद हो गया।
उधर ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने मंगलवार को हमले के संदर्भ में कहा कि यह कभी भी हो सकता है। रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव तक बहुत शीघ्रता से पहुंच सकते हैं।
ट्रस ने कहा कि रूस हमला न करने का जिस तरह दावा कर रहा है उसके लिए ब्रिटेन को नजर रखनी होगी कि मोर्चे से सभी रूसी सैनिक पूरी तरह हटें। वहीं फ्रांस ने कहा कि रूसी सैनिकों के पीछे हटने अभी पुष्टि नहीं हुई है हालांकि यह एक सकारात्मक संकेत है।
पश्चिम की ओर से संकट टालने के एक और प्रयास के तहत जर्मन चांसलर ओलफ शुल्ज ने मास्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की। बाद में दोनों नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। जिसमें शुल्ज ने संकट टालने की कूटनीतिक गुंजाइश बचे रहने पर संतोष जताया।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने जारी किया वीडियो
रूस के रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कुछ टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहन मालगाडि़यों पर लादे जा रहे हैं। यह खबर मिलते ही रूसी शेयर, सरकारी बांड और रूबल में तेजी देखने को मिली। यूक्रेनी सरकार के बांडों में भी तेजी आई। तेल के भाव जो सोमवार को जहां सात साल के उच्चतम स्तर पर थे उनमें तीन प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
सतर्क रहने की जरूरत
मंगलवार के घटनाक्रम पर पश्चिमी सैन्य विश्लेषकों ने कहा कि उन्हें सेना की गतिविधियों के बारे में कोई राय बनाने के लिए और अधिक जानकारी की जरूरत है। लंदन के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फार स्ट्रैटेजिक स्टडीज के हेनरी बायड ने कहा कि रूस की पिछली घोषणाओं और जमीनी स्तर पर उसकी कार्रवाई में विसंगतियां रही हैं।
सैन्य विश्लेषक राब ली ने कहा कि रूसी सेना की वापसी की बात तो अच्छी है लेकिन बेलारूस में सैन्य अभ्यास करने वाली रूसी टुकडि़यां कहां जाती हैं इस पर नजर रखनी होगी। अगर ये टुकडि़यां आस-पास ही रहती हैं तो कभी भी आक्रमण होने की आशंका बनी रहेगी।
पोलैंड स्थित रोचन कंसल्टेंसी के निदेशक कोनराड मुज्यका ने बताया कि रूस के दावे को सेटेलाइट तस्वीरों से सत्यापित करने में कई दिन लगेंगे। यहां यह भी ध्यान देने की बात है मध्य रूस से सैन्य साजो-सामान से लदी ट्रेनें मोर्चे की ओर आ रही हैं।
अमेरिकी कंपनी मैक्सर द्वारा रविवार व सोमवार को ली गई सेटेलाइट तस्वीरों में कई स्थानों पर रूसी सैन्य गतिविधियों की हलचल दिखाई दिखाई दी है। इसमें कई अग्रिम मोर्चो पर हेलीकाप्टर व लड़ाकू विमानों का जमावड़ा बढ़ाए जाने के साक्ष्य मिले हैं।
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