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'झूठ का साम्राज्य' है पश्चिम, रूस पर लागू प्रतिबंधों के बाद पुतिन का आरोप

Renuka Sahu
1 March 2022 12:51 AM GMT
झूठ का साम्राज्य है पश्चिम, रूस पर लागू प्रतिबंधों के बाद पुतिन का आरोप
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फाइल फोटो 

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर 'झूठ का साम्राज्य होने का आरोप लगाया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) ने पश्चिमी देशों पर 'झूठ का साम्राज्य (Empire of Lies)' होने का आरोप लगाया। दरअसल यूक्रेन में रूस के सैन्य कार्रवाईयों पर आपत्ति करने वाले पश्चिमी देशों ने रूस पर अनेक आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं जिससे नाराज पुतिन ने आज ऐसा बयान दिया। वे प्रतिबंध लागू होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को लेकर आज शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर रहे थे।

रूस के बाहर विदेशी मुद्रा भेजने पर रोक
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन (Prime Minister Mikhail Mishustin) और राष्ट्रपति पुतिन ने इस विषय पर चर्चा की। बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका व इसके सहयोगी देशों के खिलाफ विशेष आर्थिक उपायों को लेकर एक फरमान (decree) पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत रूस के बाहर विदेशी मुद्रा भेजे जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
अब विदेशी मुद्रा में किसी तरह का कर्ज भी नहीं लिया जा सकेगा। इसमें निर्यात करने वाली कंपनियों को उन 80 प्रतिशत विदेशी मुद्रा को बेचने को कहा गया है, जो उन्हें एक जनवरी के बाद प्राप्त हुई है। दूसरी ओर रूस के केंद्रीय बैंक ने को ब्याज दरों को दोगुना करने के साथ ही कुछ अन्य उपाय भी किए हैं। बैंक ने नीतिगत ब्याज दर (रेपो और रिवर्स रेपो) को 9.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है।
रूस का परमाणु हथियारों को अलर्ट पर करने का ऐलान
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खास सहयोगी कहे जाने वाले बेलारूस ने भी अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए खुद को परमाणु हथियारों के प्रयोग के लिए तैयार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद बेलारूस ने बहुत परमाणु बमों को सुरक्षित कर लिया था, लेकिन बाद में रूस को वापस कर दिया।
आधे से अधिक मतदाताओं ने किया समर्थन
बेलारूस ने सोमवार को अपने यहां रूस के परमाणु हथियारों और रूसी सेना को स्थायी रूप से तैनात किए जाने की अनुमति दे दी है। इसके लिए बेलारूस में जनमत संग्रह किया गया। रविवार को यह मतदान संवैधानिक सुधारों के प्रयासों के तहत किया गया है। रूस के हमले का सामना कर रहे यूक्रेन के साथ ही पूरे विश्व के लिए इस बदलाव को खतरा माना जा रहा है। रूसी समाचार एजेंसियों के अनुसार, बेलारूस के केंद्रीय चुनाव आयोग के प्रमुख इगोर कारपेंको ने कहा कि जनमत संग्रह में 65.16 प्रतिशत लोगों ने संशोधन के पक्ष में मतदान किया। 10 प्रतिशत से कुछ अधिक ने विरोध में और मत दिया। संशोधन को अमल में लाने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत मतदाताओं की उपस्थिति और इतने ही प्रतिशत लोगों का समर्थन जरूरी है।
सेना भी भेज सकता है बेलारूस
बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको को पुतिन का काफी करीबी माना जाता है। पिछले हफ्ते लुकाशेंको ने रूसी सैनिकों को यूक्रेन के उत्तरी क्षेत्र पर हमले के लिए अपनी जमीन के उपयोग की अनुमति दी थी। अमेरिका के खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बेलारूस यूक्रेन में सेना भेज सकता है। अधिकारी ने कहा कि रूस की तरफ से युद्ध में शामिल होने का फैसला बेलारूस अगले एक दो दिन में करेगा।
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