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तख्तापलट का नेतृत्व किया था और वह पिछले साल सितंबर से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज थे.
पश्चिम अफ्रीका के नेताओं ने माली (Mali) में पिछले सप्ताह हुए तख्तापलट (Mali Coup) के मद्देनजर इस देश को अपने क्षेत्रीय गुट से रविवार को निलंबित कर दिया है. घाना की विदेश मंत्री ने माली में राजनीतिक संकट पर हुई एक आपात बैठक के बाद यह जानकारी दी है. घाना की विदेश मंत्री शर्ली अयकोर बॉटच्वे ने कहा कि पश्चिम अफ्रीकी देशों का आर्थिक समुदाय (ईसीओडब्ल्यूएएस) 'उस देश (माली) में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण पैदा हुई असुरक्षा के कारण पश्चिम अफ्रीका की सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित है.'
शिखर सम्मेलन के अंत में ईसीओडब्ल्यूएएस के राष्ट्राध्यक्षों ने मांग की कि माली प्राधिकारी अंतरिम राष्ट्रपति बाह नदाव और प्रधानमंत्री मैक्टर ओउने को तत्काल रिहा करें, जिन्हें नजरबंद रखा गया है. नेताओं ने अपने बयान में माली में सेना द्वारा की गई गिरफ्तारियों की निंदा की (ECOWAS on Mai). उन्होंने कहा कि सेना ने मध्यस्थता के कदमों को लेकर पिछले सितंबर में बनी सहमति का उल्लंघन किया है. ईसीओडब्ल्यूएएस ने तत्काल नया असैन्य प्रधानमंत्री चुने जाने, एक नई समावेशी सरकार गठित किए जाने और फरवरी 2022 में चुनाव के लिए सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की.
निगरानी तंत्र बनाया जाएगा
इसके साथ ही ईसीओडब्ल्यूएएस (Economic Community of West African States) ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया जाएगा. बयान में कहा गया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को 27 फरवरी को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए. ईसीओडब्ल्यूएएस ने अफ्रीकी संघ, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ सहित सभी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से माली में सत्ता हस्तांतरण के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन का समर्थन जारी रखने की अपील की.
कोविड-19 पर जताई चिंता
बयान के अनुसार, राष्ट्राध्यक्षों ने माली में कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच पैदा हुए संकट पर चिंता जताई (Mali in Economic Community of West African States). राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पदच्युत करने के बाद कर्नल असिमी गोइता का फिर से देश की सत्ता पर कब्जा हो गया है. गोइता ने वर्ष 2020 में माली में हुए तख्तापलट का नेतृत्व किया था और वह पिछले साल सितंबर से ही देश के उप राष्ट्रपति पद पर काबिज थे.
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