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श्रीलंका में ईंधन वितरण के लिए लागू होगा साप्ताहिक कोटा, इस देश से खरीदेगा तेल
Gulabi Jagat
12 Jun 2022 4:00 PM GMT

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साप्ताहिक कोटा देने के अलावा और कोई चारा नहीं
कोलंबो, पीटीआइ। अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रही श्रीलंका सरकार अगले महीने से ईधन वितरण के लिए नई व्यवस्था लागू करने की योजना बना रही है। इसके तहत पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं का पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें हर हफ्ते निश्चित मात्रा में ईंधन की आपूर्ति की जाएगी। यही नहीं श्रीलंका ने यह भी एलान किया है कि पश्चिमी मुल्कों के तमाम प्रतिबंधों के बावजूद वह रूस से तेल की खरीद करेगा।
साप्ताहिक कोटा देने के अलावा और कोई चारा नहीं
ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने रविवार को ट्वीट किया, 'हमारे पास पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं को पंजीकृत करने और उन्हें निर्धारित साप्ताहिक कोटा देने के अलावा और कोई चारा नहीं है। जबतक हम वित्तीय स्थिति को मजबूत करने, 24 घंटे बिजली आपूर्ति बहाल करने और ईधन की आपूर्ति स्थिर करने में कामयाब नहीं हो जाते, तबतक हमें यह करना होगा। उम्मीद है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।'
पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका में मध्य फरवरी से तेल भराने के लिए पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। यहां तक कि बिजली उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। देश में ईधन की जमाखोरी हो रही है। साथ ही रसोई गैस की आपूर्ति में कमी ने बिजली और मिट्टी तेल की मांग में वृद्धि की है। भारत ने ईंधन संकट को कम करने में श्रीलंका की काफी मदद की है।
पश्चिम के प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीदेगा श्रीलंका
श्रीलंका पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की परवाह न करते हुए रूस से और अधिक तेल खरीद सकता है। एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि वह पहले अन्य स्त्रोतों को देखेंगे, लेकिन रूस से और अधिक कच्चा तेल खरीदने के लिए तैयार रहेंगे।
श्रीलंका ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के खिलाफ रूस से ऊर्जा आयात में व्यापक कटौती की है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने श्रीलंका की स्थिति और खराब कर दी है। खाद्य संकट वर्ष 2024 तक जारी रह सकता है। रूस ने श्रीलंका को गेहूं की आपूर्ति का भी प्रस्ताव दिया है। विक्रमसिंघे ही श्रीलंका के वित्त मंत्री भी हैं।
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