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वैज्ञानिकों ने कहा कि मिस्र के लोग ज्वालामुखी से निकलने वाले गुबार को देख सकते हैं।
पुरातत्वविदों को हजारों साल पुरानी कुछ हड्डियां मिली हैं जो एक किशोर और एक कुत्ते की प्रतीत होती हैं जिनकी मौत 'आग की सुनामी' की चपेट में आने से हो गई थी। करीब 3,600 साल पहले ग्रीस और तुर्की के बीच थेरा ज्वालामुखी विस्फोट मानव इतिहास की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। पुरातत्वविदों ने विस्फोट के बाद के कुछ जीवाश्मों का खुलासा किया है। नासा का कहना है कि हजारों साल पुराना वह विस्फोट हिरोशिमा परमाणु बम से 20 लाख गुना ज्यादा शक्तिशाली था।
डेलीस्टार की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने कहा कि 1600 ईसा पूर्व में आग की लहरों ने अनगिनत जिंदगियों को निगल लिया था। उस वक्त जमीन पर बिखरीं लाशों की गिनती कर पाना मुश्किल था। यूनिवर्सिटी ऑफ अंकर के एक पुरातत्वविद् वसीफ साहोग्लू ने अपनी टीम के निष्कर्षों को पश्चिमी तुर्की शहर चेश्मे में प्रकाशित किया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि मिस्र के लोग ज्वालामुखी से निकलने वाले गुबार को देख सकते हैं।
कई राज खोलेंगी इंसान और कुत्तों की हड्डियां
पुरातत्वविदों ने खुदाई एक दशक पहले चेश्मे में शुरू की थी जब बिल्डरों ने कांस्य युग के कुछ खंडहरों की सूचना दी थी। लाइव साइंस से बात करते हुए साहोग्लू ने कहा कि खोजी गईं इंसान और कुत्ते की हड्डियां हमारी बहुत मदद करेंगी। अब हम हर चीज का अच्छी तरह से विवरण देने में सक्षम होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इंसान की हड्डियों से पता चलता है कि वह सिर्फ 17 साल का था जब वह लावा की सुनामी से मारा गया।
मरते वक्त साथ नहीं थे इंसान और कुत्ता
कुत्ते के अवशेष 17 साल के किशोर के साथ पाए जाने के बावजूद पुरातत्वविद् और अध्ययन के वरिष्ठ सह-लेखक बेवर्ली गुडमैन-चेर्नोव का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि दोनों उस समय एक साथ थे। साहोग्लू ने कहा कि इंसान और कुत्ते को बेहतर ढंग से समझने के लिए डीएनए विश्लेषण सहित अवशेषों पर अन्य वैज्ञानिक परीक्षण किए जाएंगे।
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