एक स्कूल टीचर के दिमाग में आया कि फ्रेश वॉटर के लगातार फ्लो से पूल को कोविड (Covid) से सुरक्षित रखा जा सकता है. यही बात सोचकर उसने पूल (Pool) का नल अंतिम जून से शुरुआती सितंबर तक खुला छोड़ दिया.
2 महीने में हुआ इतना पानी बर्बाद
इसका नतीजा ये निकला कि लगभग दो महीने में ही 4,000 टन पानी की बर्बादी (Waste) हो गई. दरअसल इस स्कूल टीचर को पूल की मेंटेनेंस (Pool Maintenance) की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन इस टीचर की लापरवाही के कारण पूरे स्कूल को काफी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा.
टीचर को हुई गलतफहमी
'मनी कंट्रोल' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पूल के पानी की क्वॉलिटी क्लोरीन (Chlorine) और फिल्टरिंग मशीन्स (Filtering Machines) बनाए रखती हैं. लेकिन स्कूल टीचर ने गलतफहमी के चलते सोचा कि फ्रेश पानी पूल में आते रहने से कोविड से बचा जा सकता है. बस यही सोचकर उसने पूल के नल को खुला छोड़ दिया.
स्टाफ ने किया नोटिस
स्टाफ के कुछ लोगों ने जब बहते पानी को नोटिस किया तो नल (Tap) को बंद कर दिया गया. लेकिन इस बात से नाराज उस टीचर ने दोबारा से नल को खोल दिया. 4,000 टन पानी की बर्बादी लगभग इतनी है कि इस पूल (Pool) को इतने पानी से 11 बार भरा जा सकता था.
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टीचर को करना पड़ेगा भुगतान
लोकल ऑथॉरिटीज ने स्कूल टीचर (School Teacher) और दो सुपरवाइजर को इस लापरवाही के लिए 20,66,081 रुपये का भुगतान (Payment) करने के लिए कहा है. योकोसुका ऑथॉरिटीज ने रेसिडेंट्स से शहर के इस नुकसान (Loss) के लिए माफी भी मांगी.