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रूस और यूक्रेन के बीच बने हैं युद्ध जैसे हालात, बॉर्डर की ओर जाते देखे गए सेना के जवान

Nilmani Pal
23 Feb 2022 1:25 AM GMT
रूस और यूक्रेन के बीच बने हैं युद्ध जैसे हालात, बॉर्डर की ओर जाते देखे गए सेना के जवान
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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात हैं. रूस की ओर से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास के विद्रोहियों के कब्जे वाले दो इलाकों को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का ऐलान किए जाने के बाद दुनियाभर में हलचल बढ़ गई है. ब्रिटेन और अमेरिका जैसी वैश्विक ताकतों ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है, वहीं यूरोपीय संघ भी प्रतिबंध लगाने के मसले पर सहमत है. संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कहा है कि रूस को यूएन चार्टर का पालन करना चाहिए. इन सबके बीच रूस के तेवर नरम पड़ते नहीं दिख रहे.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूस की सेना के सौ से अधिक ट्रकों का काफिला यूक्रेन की सीमा की ओर जाते देखा गया है. प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से रॉयटर्स ने ये खबर दी है. रॉयटर्स के मुताबिक रूसी सेना का काफिला बेलगोरोड इलाके में यूक्रेनी सीमा की तरफ जाते देखा गया है. यूक्रेन की सीमा की तरफ रूसी सैनिकों के जाने की खबर ऐसे समय में सामने आई है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद ये साफ कर चुके हैं कि यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है.

रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि हमने यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर अभी आदेश नहीं दिया है. पुतिन ने कहा है कि हालात को देखते हुए सैनिकों की तैनाती को लेकर फैसला लिया जाएगा. सेना की तैनाती समझौते के मुताबिक ही की जाएगी. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि यूक्रेन के साथ विवाद का हल हो सकता है बशर्ते यूक्रेन नाटो में शामिल ना हो.

रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि डोनेत्स्क (DPR) और लुगंस्क (LPR) के साथ हुए समझौते में ये प्रावधान है कि रूस सहायता करेगा जिसमें सैन्य सहायता भी शामिल है. पश्चिमी देशों और अमेरिका के तीखे तेवर के बीच रूसी राष्ट्रपति ने भी कूटनीतिक गोलबंदी शुरू कर दी है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अजरबैजान के राष्ट्रपति से मुलाकात की. दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ये साफ कर चुके हैं कि वे डरने वाले नहीं हैं. यूक्रेन ने पहली दफे ये दावा किया है कि उसका एक सैनिक मारा गया है. यूक्रेनी सेना के मुताबिक उनका एक सैनिक मारा गया है जबकि छह अन्य घायल हुए हैं.

रक्षात्मक हुआ अमेरिका

रूस की ओर से पूर्वी यूक्रेन के दो इलाकों को स्वतंत्र देश का दर्जा दिए जाने के बाद अमेरिका ने आक्रामक तेवर दिखाए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ने कहा था कि रूस का ये कदम बगैर जवाब के नहीं जाना चाहिए. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जब यूक्रेन संकट को लेकर राष्ट्र को संबोधित करने की बात कही, तब दुनियाभर में हलचल बढ़ गई कि बाइडेन कौन सा ऐलान करने वाले हैं. बाइडेन जब संबोधित करने आए थे रक्षात्मक मोड में नजर आए.

यूक्रेन को जारी रहेगी हथियारों की आपूर्ति

जो बाइडेन ने यूक्रेन के साथ एकजुटता प्रकट की और कहा कि हम सभी रूस की ओर से अग्रेशन की स्थिति में जवाब देने के लिए एकजुट हैं. साथ ही ये भी जोड़ा कि अमेरिका, रूस के साथ जंग नहीं चाहता. उन्होंने कहा कि युद्ध टालने की कोशिशें अभी भी जारी हैं. हम स्थिरता चाहते हैं. हम रक्षात्मक कदम उठा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये जरूर कहा कि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रहेगी. नाटो देशों की सुरक्षा की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का भी ऐलान किया और साथ ही ये भी जोड़ा कि रूस के हर कदम पर उनकी नजर है. बाइडेन ने रूस के हालिया कदम को यूक्रेन पर हमले की शुरुआत बताया.

नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेंस स्टॉल्टेनबर्ग ने दावा किया है कि रूस अब भी यूक्रेन पर हमले की योजना पर काम कर रहा है. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने जर्मनी की ओर से नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के अप्रूवल प्रॉसेस पर रोक लगाने के निर्णय को सही बताया है. उन्होंने कहा कि यूरोप को अपनी ऊर्जा आपूर्ति में विविधता लाने की जरूरत है. दूसरी तरफ, ब्रिटिश सरकार की ओर से रूस के खिलाफ और कदम उठाए जाने के संकेत देते हुए कहा गया है कि यूके गवर्नमेंट का एक्शन बस पीएम जॉनसन की ओर से की गई घोषणा तक ही सीमित नहीं है.

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