पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान को तगड़ा झटका लगा है लेकिन इस बीच देश में सियासी घमासान जारी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने के बाद आज नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा।
इस बीच, इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से विपक्ष की एकता को दरकिनार करते हुए अंतिम गेंद तक लड़ने का संकल्प लिया। इमरान खान ने कहा हमारे देश के लिए मेरा संदेश है कि मैं आखिरी गेंद तक पाकिस्तान के लिए हमेशा लड़ता रहा हूं और लड़ता रहूंगा।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा है कि पीटीआई में राष्ट्रीय व प्रांतीय विधानसभाओं में अपने विधायकों के इस्तीफे पर भी विचार चल रहा है, क्योंकि इमरान खान के नेशनल असेंबली में शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के वक्त हारने की आशंका है।
उधर, विपक्ष ने देशभर में रैलियां करने की योजना बनाई है। विपक्ष इस्लामाबाद में साझा रैली भी निकाल सकता है। माना जा रहा है कि इसे नवाज शरीफ लंदन से वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे।
सक्रिय हुए नवाज शरीफ
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 9 अप्रैल को 10 बजे नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले पूर्व पीएम नवाज शरीफ सक्रिय हो गए हैं। उनकी एक रैली में देश को लंदन से वर्चुअल माध्यम से संबोधित करने की योजना है। शरीफ ने एमक्यूएम नेता खालिद सिद्दीकी को फोन करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बधाई भी दी। उधर, पाकिस्तान में नई सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
इमरान का जाना तय, शहबाज हो सकते हैं अगले पीएम
शनिवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद इमरान सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। दरअसल, 342 सांसदों वाली संसद में बहुमत का आंकड़ा 172 है और इमरान की पार्टी इससे काफी दूर हो चुकी है। जबकि विपक्ष के पास 199 सांसद हैं। ऐसे में पीपीपी और पीएमएल-एन के नेतृत्व में विपक्षी मोर्चे का सत्ता में आना तय है। नई सरकार में पीएमएल-एन नेता शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हो सकते हैं।
शहबाज शरीफ पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई हैं और फिलहाल विपक्ष के नेता हैं। वह 2008 से 2018 तक पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री रहे और 1999 में तानाशाह परवेज मुशर्रफ के शासन में सऊदी अरब निर्वासित रहे। शरीफ पर सात अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं।
इमरान सरकार हटाने के 'विदेशी षड्यंत्र' की जांच को आयोग
पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान को हटाने के लिए लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे कथित 'विदेशी षड्यंत्र' की जांच के लिए सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल तारिक खान की अगुवाई में आयोग का गठन किया है।
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में धमकी भरे पत्र की जांच के लिए आयोग गठन का फैसला लिया गया। आयोग सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र के स्रोत और इसके स्थानीय सहयोगियों की जांच करेगा।
फवाद ने कहा, हमारे पास प्रमाण हैं कि असंतुष्ट आठ प्रांतीय सांसद विदेशियों के संपर्क में थे। सुप्रीम कोर्ट के नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को पलटने और इमरान सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश देने के एक दिन बाद आयोग गठन का निर्णय लिया गया है।
रविवार को सड़कों पर उतर विरोध करें लोग : इमरान
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले राष्ट्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मामले में बृहस्पतिवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी साजिश का हाथ होने की जांच नहीं की।
न ही इस बारे में मौजूद सुबूतों को देखा। उन्होंने देश की जनता से अपील की कि रविवार को पूरे देश में प्रदर्शन करें। शुक्रवार रात इमरान ने देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका की इज्जत करता हूं लेकिन शीर्ष अदालत को फैसला देने से पहले धमकी वाले पत्र को देखना चाहिए था।
देश के प्रधानमंत्री के रूप में शायद अपने आखिरी संबोधन में खान ने फिर से अपना आरोप दोहराया कि उनके रूस दौरे के कारण अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की चेतावनी दी थी और कहा था कि यदि इमरान हटते हैं तो पाकिस्तान को माफ किया जाएगा अन्यथा परिणाम भुगतना होगा। हमारी विपक्षी पार्टियां पूरी तरह से अमेरिका के नियंत्रण में हैं।
खान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में भेड़ बकरियों की तरह नेताओं की खरीद फरोख्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में इस कल्चर की शुरुआत शरीफ भाइयों ने की थी। पाकिस्तान में डेमोक्रेसी का मजाक बन गया है।
फिर भारत की तारीफ बताया खुद्दार कौम
भारतीय विदेश नीति की तारीफ कर चुके खान ने फिर कहा, भारत खुद्दार कौम है, किसी सुपर पावर की हैसियत नहीं है कि वे भारत के खिलाफ कुछ करें। आरएसएस और कश्मीर के कारण हमारे संबंध खराब हैं लेकिन मैं भी अपने लोगों के लिए यही स्थिति चाहता हूं।
मैं अपने लोगों को कुर्बान नहीं कर सकता। 35 लाख लोगों को घरबार छोड़कर जाना पड़ा। 80 हजार लोग मारे गए। हम अमेरिका से पैसे लिए बिना आतंक के खिलाफ युद्ध में गए होते तो हम अफगानिस्तान में अपने भाइयों को मदद करते।
शहबाज शरीफ अमेरिका के पिछलग्गू
उन्होंने कहा कि हमें पता चला है कि अमेरिका के राजनयिक पाकिस्तानी राजनेताओं से मिल रहे हैं। चंद महीने पहले ही उन्होंने नेताओं को बुलाकर कहा था कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने वाला है। ऐसे में मेरा कौम से सवाल है कि हम किस तरह की सरकार चाहते हैं। शहबाज शरीफ पर अमेरिका का पिछलग्गू होने का आरोप लगाया।
मेरी कोई जायदाद विदेश में नहीं
इमरान खान ने कहा, मैंने पाकिस्तान में ड्रोन हमलों का विरोध किया। अफगानिस्तान से वार्ता का समर्थन किया। इराक में हमले का विरोध किया। पाक में 400 ड्रोन हमले हुए, उनका विरोध किया। मेरी कोई जायदाद या बैंक बैलेंस विदेशों में नहीं है।