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पाकिस्तानी संसद में थोड़ी देर में फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर होगी वोटिंग

Deepa Sahu
20 April 2021 11:46 AM GMT
पाकिस्तानी संसद में थोड़ी देर में फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर होगी वोटिंग
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इमरान खान सरकार आज पाकिस्तानी संसद में फ्रांसीसी राजदूत को देश निकाला दिए।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: इस्लामाबाद। इमरान खान सरकार आज पाकिस्तानी संसद में फ्रांसीसी राजदूत को देश निकाला दिए जाने के प्रस्ताव पर वोटिंग करवाने जा रही है। सरकार ने खुद इस प्रस्ताव को संसद में पेश किया है, जिसे विपक्षी दलों समेत कई कट्टरपंथी और धार्मिक संगठनों ने समर्थन दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव पाकिस्तानी संसद में आसानी से पारित हो जाएगा। उधर धर्म की राजनीति करने वाले इमरान खान कट्टरपंथी संगठनों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।

आज पाकिस्तानी संसद में पेश होगा प्रस्ताव
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री (गृहमंत्री) शेख राशिद अहमद ने ऐलान किया है कि सरकार आजनेशनल असेंबली में फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन पर एक प्रस्ताव पेश करेगी। इसका फैसला राशिद अहमद और पाकिस्तान की सड़कों पर गदर मचाने वाली तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के साथ हुई हाल की बातचीत के दौरान किया गया था। इसके लिए पाकिस्तानी संसद के एक विशेष सत्र को आज दोपहर तीन बजे बुलाया गया है।
11 पुलिसकर्मियों के अपहरण से बैकफुट पर इमरान
दरअसल, इस संगठन ने खुद के ऊपर आतंकी गतिविधियों में प्रतिबंधित होने के बाद पाकिस्तानी पुलिस के 11 जवानों और अधिकारियों को अपहरण कर लिया था। जिसे छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी गृहमंत्री को प्रतिबंधित संगठन के लोगों से बात करनी पड़ी थी। इसी बातचीत के दौरान शेख राशिद अहमद ने संसद में जल्द से जल्द फ्रांसीसी राजदूत को निकालने का प्रस्ताव पेश करने का भरोसा दिया था।
TLP के खिलाफ दर्ज केस को वापस लिया जाएगा

शेख राशिद ने कहा कि बातचीत के दौरान तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों को बंद करने पर सहमति जताई है। जिसके बाद सरकार और इस कट्टरपंथी संगठन के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ चौथी अनुसूची के तहत दर्ज मामलों को भी वापस लेने का ऐलान भी किया है।
आखिर फ्रांस से क्यों चिढ़े हुए हैं पाकिस्तानी कट्टरपंथी
पाकिस्तान के कट्टरपंथी फ्रांस की मैगजीन चार्ली हेब्दो में प्रकाशित किए गए मोहम्मद साहब के विवादित कार्टून से चिढ़े हुए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्लामिक आतंकवाद पर दिए गए बयान को लेकर भी पाकिस्तानी संसद में निंदा प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। इतना ही नहीं, पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने फ्रांसीसी राजदूत को तलब कर विरोध भी जताया था।


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