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साथ ही उनकी राजनीतिक समझ पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं.
कनाडा (Canada) में आज चुनाव होने वाले हैं और जनता आज 44वीं संसद के लिए वोट करेगी. इस बार चुनावों में लिबरल पार्टी (Liberal Party) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) का भविष्य दांव पर लगा हुआ है. पीएम ट्रूडो का मुकाबला इस बार कंजरवेटिव पार्टी के नेता एरिन ओ टूल (Erin O'Toole) के साथ है.
कनाडा की सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में 27 मिलियन यानी 2.7 करोड़ लोग इस बार वोट डालेंगे. करीब 5.78 मिलियन बैलेट्स का प्रयोग एडवांस वोटिंग के लिए पहले ही हो चुका है. चुनावों से पहले हुए सर्वे में लिबरल और कंजरवेटिव दोनों में से किसी के पास भी बहुमत के लिए जनता का समर्थन नहीं है.
सरकार बनाने के लिए जरूरी 38 फीसदी वोट
बहुमत के लिए किसी को भी 38 फीसदी पब्लिक वोट्स की जरूरत होती है ताकि संसद में बहुमत साबित कर सके. ट्रूडो ने तय समय सीमा से दो साल पहले ही चुनाव करा डाले हैं. सरकार ने कोविड-19 महामारी को कैसे डील किया और संसद में बहुमत हासिल करने के मकसद से उन्होंने यह कदम उठाया था. साल 2019 में हुए चुनावों में ट्रूडो बहुमत गंवा चुके थे. हालांकि जल्दी चुनाव कराने के वो अपने फैसले से नाखुश हैं.
कनाडा में सोमवार को जो चुनाव होने हैं उसमें 338 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. संसद के निचले सदन और हाउस ऑफ कॉमन्स का भविष्य इन चुनावों में तय होगा. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 170 सीटों की जरूरत होती है. कनाडा में अलग-अलग टाइम जोन के हिसाब से वोटिंग का टाइम भी अलग-अलग रखा गया है. आखिरी वोट कनाडा के वेस्ट कोस्ट के समयानुसार शाम 7 बजे डाला जाएगा.
ट्रूडो को चुकानी पड़ सकती है कीमत
सोमवार को चुनावों के नतीजे क्या होंगे, इस बारे में कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता है. साल 1867 में कनाडा जब से अस्तित्व में आया है तब से चुनावों में पहली बार इस स्तर का चुनावी संघर्ष देखने को मिल रहा है. देश के 31 फीसदी मतदाताओं ने कहा है कि उनका मकसद हर पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोट डालने का है. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर पीएम ट्रूडो चुनाव जीत भी जाते हैं तो यह एक अल्पसंख्यक सरकार होगी. यानी नतीजों के बाद उन्हें सरकार बनाने के लिए दूसरी पार्टियों पर निर्भर रहना होगा.
ट्रूडो और ओ टूल के अलावा इस बार चुनावों में वामपंथी दल न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी जगमीत सिंह, Bloc Quebecois के यीव्स फ्रैंकोइस और ग्रीन पार्टी की एनीमी पॉल हैं. 47 साल के ओ टूल एक मिलिट्री वेटरन और पूर्व वकील रहे हैं. वो करीब 9 साल तक सांसद भी रहे हैं. माना जा रहा है कि ट्रूडो का जल्द चुनाव कराने का फैसला उन पर भारी पड़ सकता है. चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हों मगर ट्रूडो का भविष्य कमजोर हो सकता है और साथ ही उनकी राजनीतिक समझ पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं.
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