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स्पेस में मौजूद ज्वालामुखी विस्फोट, नीचे गिराने लगी...गर्म के बजाय निकलता है 'ठंडा लावा'

Neha Dani
28 Oct 2021 3:38 AM GMT
स्पेस में मौजूद ज्वालामुखी विस्फोट, नीचे गिराने लगी...गर्म के बजाय निकलता है ठंडा लावा
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हालांकि यह अपने आसपास के तापमान जितना ठंडा नहीं होता।

ज्यादातर लोगों ने ज्वालामुखी को तस्वीरों और वीडियों में देखा होगा। लेकिन विशालकाय ज्वालामुखी हमारी पृथ्वी के अलावा स्पेस में भी मौजूद हैं। एक 60 किलोमीटर का विशालकाय ज्वालामुखी अंतरिक्ष में एक धूमकेतु पर स्थित है। नासा के मुताबिक, धूमकेतु चट्टान, धूल और जमी हुई गैसों से बने होते हैं। इनका आकार किसी छोटे शहर जितना होता है। ये अंडाकार कक्षा में सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। सौर मंडल के खगोलीय पिंडों के पास जाते ही वे धूल की एक लंबी पूंछ के साथ नीचे गिरते हैं जिससे एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।

29P/श्वासमैन-वाचमैन (29P/Schwassmann–Wachmann) धूमकेतु, इस परिभाषा को चुनौती दे सकता है। वैज्ञानिक इसे भले ही धूमकेतु कहते हैं लेकिन इसका व्यहार और प्रकृति बिल्कुल अलग है। यह एक ज्वालामुखी की तरह व्यवहार करती है और समय-समय पर इसमें विस्फोट होते रहते हैं। अब खगोलविदों में इसमें दशकों का सबसे बड़ा विस्फोट देखा है। एक खगोलशास्त्री और ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन के सदस्य रिचर्ड माइल्स ने Spaceweather.com को बताया कि मौजूदा विस्फोट 25 सितंबर को शुरू हुआ था और पिछले 40 सालों में यह सबसे ऊर्जावान विस्फोट प्रतीत होता है।
1927 में हुई थी खोज
इस साल 29P/श्वासमैन-वाचमैन का पांचवां विस्फोट है। अजीबोगरीब धूमकेतु में हर साल औसतन सात विस्फोट होते हैं। 1927 में अर्नोल्ड श्वासमैन ने इसकी खोज की थी। यह धूमकेतु बृहस्पति और शनि की कक्षाओं के बीच स्थित एक कक्षा में सूर्य के चारों ओर घूमता है। खास बात यह कि सामान्य धूमकेतु की तरह लंबी अण्डाकार कक्षाओं में घूमने के बजाय यह एक ग्रह के समान कक्षा का अनुसरण करता है।
गर्म के बजाय निकलता है 'ठंडा लावा'
माइल्स के मुताबिक 25 अक्टूबर को शुरू हुए 'सुपरआउटबर्स्ट' में 56 घंटे के अंदर एक के बाद एक चार विस्फोट हुए। माइल्स ज्वालामुखी धूमकेतु का अध्ययन कर रहा है, जो हमारे सौर मंडल की सबसे अजीब वस्तुओं में से एक है। उनके अनुसार विस्फोट में लावा नहीं निकलता है। धूमकेतु पर होने वाले विस्फोटों में, मैग्मा ठंडे तरल हाइड्रोकार्बन से बना होता है, जिसका अर्थ है कि गर्म और जलते हुए लावा के बजाय इससे निकलने वाला पदार्थ ठंडा होता है। हालांकि यह अपने आसपास के तापमान जितना ठंडा नहीं होता।

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